शाहजहां के प्यार की निशानी ‘ताजमहल’ के बारे में दुनिया जानती हैं, लेकिन ‘लाल ताजमहल’ का नाम शायद ही किसी ने सुना हो? आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि आगरा में एक नहीं, बल्कि दो ताज महल हैं. पहला वो जिसे शाहजहां ने मुमताज की याद में बनवाया, दूसरा वो जिसे एक एक ब्रिटिश महिला ने अपने पति कर्नल जॉन विलियम हैसिंग की याद में बनवाया था.

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जॉन विलियम हैसिंग के ‘मक़बरे’ को ही ‘लाल ताजमहल’ के नाम से जाना जाता है. इसका निर्माण हैसिंग की पत्नी ने अपने पति की याद में कराया था. दोनों ही ताजमहल के बीच अगर कुछ कॉमन है, तो वो है मोहब्बत है. दोनों ही ताजमहल मोहब्बत की अटूट कहानी बयां करते हैं. कहा जाता है कि हैसिंग डच मूल के मामूली सिपाही थे, जो कि 1965 में लंका पहुंचे थे और कैंडी युद्ध का हिस्सा बने. इसके बाद उन्हें निज़ाम हैदराबाद की सेना में भी शामिल कर लिया गया था. वहीं 1799 में उन्हें ‘आगरा क़िला’ की देखभाल के लिये सेनापति नियुक्त किया गया था. उस दौरान आगरा में मराठों का अधिकार हुआ करता था.

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कहते हैं कि, एक बार हैसिंग अपनी पत्नी के साथ ताज का दीदार कर रहे थे और वो इसकी ख़ूबसूरती से काफ़ी प्रभावित हुए. इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिल कर वादा किया कि दोनों में से जो पहले दुनिया से चला जायेगा, उसकी याद में ताजमहल जैसी इमारत बनवायेगा. चूंकि, हैसिंग एक मामूली से सिपाही थे, इसलिये उनकी पत्नी सफ़ेद संगरमर सा ताजमहल नहीं बना सकती थी, पर उन्होंने अपने पति की इच्छा पूरी करने के लिये बच्चों के साथ मिलकर लाल पत्थरों से ताजमहल जैसी इमारत बनवा डाली.

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इसके बाद उन्होंने सम्मान के साथ कर्नल हैसिंग को दफ़नाया और उनकी इच्छा पूरी की. ‘लाल ताजमहल’ शहर के दीवानी चौहारे स्थित रोमन कैथलिक कब्रिस्तान के अंदर बना हुआ है. ASI इसकी देखभाल करता है और यहां बिना टिकट घूमा जा सकता है.