हर इंसान के पास ‘फ़ूड सेफ़्टी’ और ‘फ़ूड कॉम्बिनेशन’ की जानकारी होना बेहद आवश्यक है. हम क्या खा रहे हैं? कब खा रहे हैं? और कैसे खा रहे हैं? इसकी जानकारी रखना हमारी ज़िम्मेदारी है. हम अक्सर कुछ भी खा लेते हैं, ये सोचे बिना कि जो खा रहे हैं उससे हम बीमार भी पड़ सकते हैं, लेकिन आज हम आपको Food Safety से जुड़े 15 ऐसे फ़ैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए जानना बेहद ज़रूरी है.
आइये जानते हैं Food Safety से जुड़े ये 15 फ़ैक्ट्स कौन से हैं?
1- डबल-डिपिंग से फ़ैलता है बैक्टीरिया और वायरस
अफ़सोस! डबल-डिपिंग सेहत के लिए हानिकारक है. क्योंकि ऐसा करने से बैक्टीरिया और वायरस को फैलने का डर बना रहता है. इसलिए हमेशा केवल एक बार ही डिप करना सही रहेगा.
2- सफ़ेद या भूरे रंग के कवर वाली चॉकलेट खाना ठीक है
अक्सर हम चॉकलेट खाते वक़्त उसका रैपर किस रंग का है ये नहीं देखते, लेकिन सफ़ेद या भूरे रंग के कवर में लिपटी चॉकलेट खाना ठीक रहता है.
3- 5 सेकंड का नियम एक मिथ है
आपने अक्सर लोगों को ‘5 सेकंड’ कहते हुए तो सुना ही होगा. इस पर लंदन विश्वविद्यालय के डॉ. रोनाल्ड कार्टर ने एक प्रयोग किया. इस दौरान उन्होंने फ़र्स पर पिज़्ज़ा, सेब और टोस्ट गिराते ही उन पर कीटाणु चिपक गए थे. इसके साथ ही 5-सेकंड का नियम भी ग़लत पाया गया.
4- पके हुए भोजन को फ़्रिज़ में 3 से 4 दिन तक रखना हानिकारक
फ़्रिज़ में अधिक दिन तक पके हुए भोजन को रखना सेहत के लिए हानिकारक होता है. क्योंकि इसमें बीमारी फ़ैलाने वाले बैक्टीरिया बन जाते हैं. इसलिए 3 से 4 दिन तक फ़्रिज़ में रखे भोजन को फ़ेंक देना चाहिए.
5- आइसिंग में पाया जाने वाला ‘टाइटेनियम डाइऑक्साइड’ सेहत के लिए हानिकारक
‘टाइटेनियम डाइऑक्साइड’ एक ऐसा योजक है जिसे विभिन्न खाद्य पदार्थों को सफ़ेद करने में इस्तेमाल किया जाता है. जैसे कॉफ़ी क्रीमर, आइसिंग और पाउडर चीनी. इसका इस्तेमाल सनस्क्रीन, डिटर्जेंट और पेंट बनाने में भी किया जाता है.
6- मक्खन को फ़्रिज़ में रखने की सलाह क्यों दी जाती है?
विशेषज्ञों का कहना है कि अपने मक्खन को गर्म तापमान में छोड़ने पर इसमें तेज़ी से रोगाणुओं की वृद्धि होने लगती है. इसलिए मक्खन को फ़्रेश रखने के लिए अपने मक्खन को फ़्रिज़ में रखने की सलाह दी जाती है.
7- गिलास में भरे पानी को 1 दिन बाद पीने पर गंध तो आती है, लेकिन पानी ख़राब नहीं होता
हम अक्सर रात में बेड के पास पानी से भरा गिलास रखकर भूल जाते हैं. जब सुबह इसे पीते हैं तो इसमें से एक अजीब सी गंध आती है. इसका मतलब ये नहीं कि पानी ख़राब हो गया है, इसे पिया जा सकता है. क्योंकि पानी में ऐसा कोई भी ऐसा तत्व नहीं होता जो इसे ख़राब करे.
8- दूध ठीक है या नहीं ये जानने का सबसे अच्छा तरीका है इसे सूंघना
विशेषज्ञों का कहना है कि, यदि आप अपने फ़्रिज़ को 40℉ के बजाय 34℉ के क़रीब रखते हैं, तो दूध एक और सप्ताह चल सकता है. लेकिन, इसके लिए ढूढ़ से भरे कंटेनर को सील करके रखना होगा. दूध ठीक है या नहीं ये जानने का सबसे अच्छा तरीका इसे सूंघना है.
9- मांस को Rinse करने की सलाह देना ठीक नहीं है
चिकन बनाने से पहले लोग जब बैक्टीरिया हटाने के लिए इसे Rinse करते हैं तो ये टाइट से पकड़ने वाले लोगों को इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचता. लेकिन जब इसे किसी बर्तन आदि में Rinse किया जाता है ये पानी को दूषित करने के साथ ही बैक्टीरिया फ़ैलाने का काम भी करता है.
10- ‘चॉपिंग बोर्ड’ होते हैं टॉयलेट सीट से 200 गुना अधिक गंदे
ये पता चला है कि ‘चॉपिंग बोर्ड’ टॉयलेट सीट से 200 गुना अधिक गंदे होते हैं! इस्तेमाल करने के बाद इसे धोने के बाद भी आप इसको जीवाणुओं से बचा नहीं पाते. बैक्टीरिया इसकी खरोंच और दरार में छिप सकते हैं और अन्य खाद्य पदार्थों को भी दूषित कर सकते हैं. इसलिए ‘चॉपिंग बोर्ड’ को नियमित रूप से बदलना चाहिए.
11- फ़्रिज़ के रैक होते हैं कीटाणुओं की प्रमुख वजह
‘NSF इंटरनेशनल स्टडी’ में पाया गया है कि, रसोईघरों में फ़्रिज़ के रैक सबसे ‘कीटाणु रहित’ क्षेत्रों में से एक होते हैं. इसलिए कीटाणुओं को रोकने के लिए नियमित रूप से गर्म पानी और साबुन के झाग से इन्हें साफ़ करना अति आवश्यक है.
12- Raw Cookies का आटा नहीं खाना चाहिए
आटा भी ‘जोखिम भरा’ हो सकता है ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा. गेहूं के आटे में E. Coli नामक घातक बैक्टीरिया पाया जाता है. रोटी बनाने के दौरान ये गर्मी के कारण मर जाता है, लेकिन Raw Cookies आटे में ये लिप्त होता है.
13- Ground Meats को सेवन से पहले 160°F पर रखना चाहिए
यूएसडीए की सलाह है कि ग्राउंड मीट (बीफ़, लैंब, पोर्क और वील) का सेवन करने से पहले इसे कम से कम 1 सेकंड के लिए 160°F तक गर्म करना चाहिए.
14- Perishable Food को 2 घंटे से अधिक समय तक कमरे के तापमान में नहीं छोड़ना चाहिए
यदि आप जल्दी ख़राब होने वाले भोजन को 2 घंटे के लिए कमरे के तापमान पर छोड़ देते हैं, तो ये तब तक खाने के लिए असुरक्षित हो सकता है. हालांकि, 2 घंटे बजाय ये 1 घंटा भी हो सकता है.
15- अंडे के व्यंजन को 160°F या उससे अधिक के तापमान पर पकाया जाना चाहिए
किसी भी अंडे के व्यंजन को तब तक पकाया जाना चाहिए जब तक कि उनका आंतरिक तापमान 160°F या उससे अधिक न पहुंच जाए.
क्या आप पहले से इन फ़ैक्ट्स के बारे में जानते थे?