आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि शराब जितनी पुरानी होती है, उतनी ही बढ़िया होती है. ऐसे में ज़्यादातर लोग इस बात को तक़रीबन मान ही चुके हैं. मगर सवाल ये है कि क्या हक़ीक़त में ऐसा होता है? आपको जानकर हैरानी होगी कि ये पूरी तरह सच नहीं है. शराब की भी एक एक्सपायरी डेट होती है. 

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हालांकि, शराब एक्सपायर होगी या नहीं, ये उसके प्रकार पर निर्भर करता है. मसलन, कुछ शराब ऐसी होती हैं, जिनके बनने के बाद आप क़रीब सालभर तक पी सकते हैं. मगर उसके बाद वो एक्सपायर हो जाती हैं. यानि कि ये जितनी पुरानी होंगी, उतनी बेहतर के बजाय नुक़सानदेह होती जाएंगी. वहीं, कुछ शराब कुछ सालों के लिए कोल्ड स्टोरेज में रख दी जाती हैं, ताकि समय के साथ वो बेहतर हो जाएं. ऐसे में उन्हें लंबे वक़्त तक पिया जा सकता है.

वो शराब जिनकी एक्सपायरी डेट नहीं होती

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शराब को शेल्फ-स्टेबल माना जाता है. यानि अगर उनका खोला न जाए, तो वो लंबे वक़्त तक चलती हैं. इसमें स्प्रिट कैटेगरी की शराब आती हैं. जैसे- जिन, वोडका, व्हिस्की, टकीला और रम शामिल हैं. इसमें एल्कोहल की मात्रा ज़्यादा होती है. साथ ही, ये डिस्ट्रिल्ड भी होती है. यही वजह है कि ये लंबे वक़्त तक चलती है. 

जब तक बोतल ख़ुलती नहीं है, तब तक ये शराब ऑक्सीज़न के साथ संपर्क में नहीं आती. ऐसे में ये लंबे वक़्त तक अच्छी रहती है. हालांकि, खुलने के बाद भी ये ख़राब नहीं होती, बस इनके रंग और टेस्ट में थोड़ा बदलाव आ जाता है. हां, पर अगर बोतल में बहुत थोड़ी ही शराब बची है, तो उसे नहीं पीना चाहिए. क्योंकि एल्कोहल की मात्रा उसमें कम हो जाती है और वो ज़्यादा ऑक्सीज़न के संपर्क में रहती है. आसान भाषा में कहें, तो शराब में एल्कोहल की मात्रा जितनी ज़्यादा होगी, उसकी शेल्फ़ लाइफ़ भी उतनी ही बढ़ जाएगी. 

वो शराब जो एक वक़्त के बाद एक्सपायर हो जाती हैं

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एक्सपायर होने वाली शराब में बीयर और वाइन आती हैं. दरअसल, ये डिस्ट्रिल्ड नहीं होते हैं, जिसके चलते इनकी एक्सपायरी डेट होती है. ऐसे में इन्हें एक निश्चित समय में पीना ज़रूरी होता है. एक सीलबंद बीयर की शेल्फ़ लाइफ़ 6 से 8 महीने ही होती है. कम तापमान में यानि जैसे फ़्रिज़ रखने पर इसकी लाइफ़ थोड़ी बढ़ जाती है. वहीं, जिन बीयर में एल्कोहल की मात्री 8 फ़ीसदी से ज़्यादा होती है, वो भी कुछ लंबे वक़्त तक पीने के लायक रहती हैं. साथ ही, अगर बीयर खुल गई है, तो फिर उसे कुछ ही घंटों में पी लेना चाहिए. 

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वहीं, अगर वाइन की बात करें तो अच्छी वाइन के स्वाद को स्मूथ करने के लिए कुछ साल तक बैरल में बंद रखा जाता है. इससे इनके टेस्ट में सुधार हो जाता है. साथ ही, शेल्फ़ लाइफ़ भी बढ़ती है. वहीं, सस्ती वाइन को बॉटलिंग के 2 साल के अंदर-अंदर पी लेना चाहिए. सल्फाइट जैसे परिरक्षकों के बिना उत्पादित कार्बनिक वाइन को ख़रीदने के 3-6 महीनों के भीतर सेवन किया जाना चाहिए. दरअसल, वाइन में पानी की मात्रा भी ज्यादा होती है, इसलिए इसके खराब होने की संभावना रहती है.  

वाइन की बोतल खुलने पर वो ऑक्सीज़न के संपर्क में आ जाती है. ऐसे में उसके ख़राब होने की दर भी तेज़ हो जाती है. अगर अच्छा स्वाद चाहिए तो आपको बोतल खोलने के 3 से 7 दिनों के अंदर उसे पी लेना चाहिए. बस ये ध्यान रहे कि वो कम तापमान में स्टोर की गई हो.