‘मैं औरतों के बजाय आदमियों को मारकर खाना पसंद करता हूं, उसमें स्वाद ज़्यादा होता है.’

ये क़ुबूलनामा उस सीरियल किलर का था, जिसने वेनुजुएला में 10 से ज़्यादा लोगों का मारकर खाने की बात स्वीकार की थी. हालांकि, पुलिस ने उस पर 40 से ज़्यादा लोगों का मारकर खाने का आरोप लगाया था. इस सीरियल किलर का नाम डोरंगेल वर्गास था. मगर लोकल मीडिया ने इसे “हैनिबल लेक्चर ऑफ़ द एंडीज” नाम दिया.

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एक बेघर शख़्स, जिसे इंसानों को पकाकर खाने में मज़ा आता था

डोरंगेल वर्गास का जन्म 1957 में हुआ था. परिवार बेहद ग़रीब था. ज़्यादातर परिवार वाले वेनेजुएला लिबरेशन फ़ोर्सेस के सदस्य थे. ये लोग एक पूरे जंगल को कंट्रोल करते थे. हालांकि, आगे जाकर वर्गास अपने परिवार से बिछड़ गया. बाद में वो सड़कों पर यहां-वहां भटकता रहता था और दूसरों के मवेशी चोरी कर खाता था. लेकिन बाद में उसने मवेशियों की जगह इंसानों का शिकार करना शुरू कर दिया. 

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वर्गास तचिरा राज्य के सैन क्रिस्टोबल शहर के एक पार्क में रहने लगा. यहां आने वाले लोगों की पहले वो बेरहमी से हत्या करता था और बाद में उन्हें पकाकर खाता था. एक के बाद एक हो रही इन हत्याओं ने पुलिस का ध्यान वर्गास की ओर खींचा. पुलिस को शक था कि हो न हो इन हत्याओं के पीछे वर्गास का ही हाथ है. 

हालांकि, वर्गास बड़ी ही चालाकी से लाशों को छिपा दिया करता था. मगर उसकी करतूत जल्द ही पुलिस की नज़र में आ गई. पुलिस ने जब उसकी झोपड़ी की तलाशी ली, तो उसमें इंसानी मांस के लोथड़े और कई अंग बरामद किए. साथ ही, शरीर के कुछ टुकड़े बर्तनों से भी मिले. 

इंसानी ज़ुबान से स्टू और आंखों का बनाता था सूप

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साल 1999 में पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया. पूछताछ में उसने 10 लोगों की हत्या करने और उनकी लाशों को खाने की बात मानी. मगर पुलिस ने उस पर 40 से ज़्यादा हत्याओं का आरोप लगाया. एक इंटरव्यू में वर्गास ने कहा- 

‘हां, मैं लोगों का मारकर खाता हूं. ऐसा सभी कर सकते हैं. लेकिन बीमारी से बचने के लिए पहले मांस को अच्छे से धोना चाहिए. मैं शरीर के कुछ ही हिस्सों को खाता हूं. ख़ासतौर से जांघें. नाक, कान और हाथ नहीं खाता, वो सख़्त होते हैं. मैं ज़ुबान का स्वादिष्ट स्टू और आंखों से पौष्टिक सूप तैयार करता हूं. हालांकि, मैं औरतों के बजाय आदमियों को खाना पसंद करता हूं. लेकिन मोटे आदमी नहीं, क्योंकि उनमें कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा होता है.’ 

-डोरंगेल वर्गास

जेल में भी जारी रहा नरभक्षी का आतंक

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साल 2016 में जेल में एक विद्रोह के दौरान वर्गास ने 40 अन्य कैदियों के साथ मिलकर तीन दूसरे कैदियों की हत्या कर दी. बाद में वर्गास ने उन शवों के अंगों को बाकी भूखे कैदियों में परोसा था. 

फिलहाल ये खूंखार नरभक्षी पार्किंसंस रोग से पीड़ित है और उसे पुलिस स्टेशन में एकांत में रखा गया है. वो अपना ज़्यादातर वक़्त साफ़-सफ़ाई करने में ही बिताता है.