Dragon Chicken in Vietnam in Hindi: भारत समेत दुनिया के अधिकतर देशों में चिकन बड़े चाव से खाया जाता है. इससे कई तरह की लज़ीज़ डिशेज तैयार की जाती हैं. इसे अधिक खाए जाने का एक बड़ा कारण ये भी है कि ये जल्दी उपलब्ध हो जाता है और इसकी क़ीमत कम होती है. भारत की बात करें तो आपको 220 से लेकर 260 रुपए में एक किलो बॉयलर चिकन मिल जाएगा. वहीं देसी चिकन आपको 315 से लेकर 350 रुपए प्रति किलो मिल जाएगा. 

चिकन की कुछ लग्ज़री प्रजाति भी हैं, कैसे कड़कनाथ, जो क़रीब एक हज़ार रुपए प्रति किलो में मिलता है. लेकिन, इस लेख में हम जिस चिकन के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो हज़ार नहीं, बल्कि लाखों (Price of Dragon Chicken in Hindi) में बिकता है. 

आइये, विस्तार से जानते हैं लाखों में बिकने वाले ड्रैगन चिकन (Dragon Chicken in Vietnam in Hindi) के बारे में. 

ड्रैगन चिकन

Dragon Chicken
Image Source: fnbreport

Dong Tao Chicken in Hindi: हम जिस चिकन की बात कर रहे हैं उसका नाम है Dong Tao chicken जिसे ड्रैगन चिकन के नाम से भी जाना जाता है. ये चिकन आम चिकन से थोड़े अलग होते हैं. जैसा तस्वीर में देखा जा सकता है कि ये हृष्ट पुष्ट होते हैं और इनकी टांगें मोटी होती हैं. अपने इस अलग रूप की वजह से इन्हें ड्रैगन चिकन कहा जाता है. वहीं, ये वजन में 5 किलो तक हो सकते हैं. 

क्यों है ये इतना क़ीमती? 

Dragon Chicken
Image Source: scmp

Expensive Chicken in the world in Hindi: चिकन की इस ख़ास प्रजाति का उत्पादन वियतनाम की राजधानी हनोई के एक-दो गांव में किया जाता है. ये चिकन की एक दुर्लभ प्रजाति है. वहीं, इन्हें बड़े होने में काफ़ी समय लगता है और स्पेशल केयर की ज़रूरत होती है. यहां रहने वाले Giang Tuấn Vũ ड्रैगन चिकन को पालने वाली तीसरी पीढ़ी है. ये 20 सालों से Dong Tao chicken का पालन कर रहे हैं. यहां के Đông Tảo Village में इस चिकन का अधिकतम पालन किया जाता है. 

के अनुसार ये ये मोटी टांगों वाला चिकन 2,000 डॉलर (क़रीब 1,65,851) से अधिक में बिक सकता है. 

ये भी पढ़ें: आख़िर क्यों इतना महंगा मिलता है ‘कड़कनाथ मुर्गा’, जानिए क्या है इसकी ख़ासियत

मुर्गे लड़ाई से हो सकता है संबंध 

Dragon Chicken
Image Source: straitstimes

Dragon Chicken in Vietnam in Hindi: ये चिकन की कितनी पुरानी प्रजाति है इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि नई प्रजाति नहीं है, कई सालों से पहले से इसका उत्पादन किया जा रहा है और इसके मोटे पैरों को देखकर माना जाता है कि इन्हें मुर्गे लड़ाई में शामिल किया जाता होगा. 

वहीं, अपने ख़ास रूप की वजह से इसे वियतनाम में नए साल के तोहफ़े के रूप में दिया जाता है.