Eco Friendly Home With Zero Electricity Bill : शहर में रहने वालों की सबसे बड़ी समस्या बिजली और पानी ही है. ख़ासकर, गर्मियों के दिनों में बिजली और पानी की कमी ज़्यादा देखने को मिलती है, क्योंकि इस दौरान दोनों की ही ख़पत ज़्यादा होती है. इसके अलावा, शहरियों को बिजली के साथ-साथ पानी का भी बिल देना पड़ता है. जितने ज़्यादा इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स उतना ज़्यादा बिजली का बिल. कई बार बिजली का बिल सोच से कहीं ज़्यादा आ जाता है. 

वैसे इस लेख में हम आपको एक ऐसे शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बिजली और पानी का बिल नहीं भरना पड़ता बल्कि उल्टा उसे पैसे मिलते हैं. आइये, जानते हैं कौन हैं ये शख़्स और क्या है इनकी पूरी कहानी.  

आइये, जानते हैं क्या है इस शख़्स के घर की खासियत (Eco Friendly Home With Zero Electricity Bill) और क्यों नहीं भरना पड़ता इन्हें बिजली-पानी का बिल. 

कनुभाई करकरे 

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हम जिस शख़्स की बात कर रहे हैं उनका नाम है कनुभाई करकरे. कनुभाई गुजरात के अमरेली के रहने वाले हैं और राज्य के शिक्षा विभाग में काम करते हैं. बाहर से अगर आप कनुभाई का घर देखें,तो आपको ये आम लोगों की तरह ही नज़र आएगा, लेकिन कनुभाई ने घर के अंदर ऐसा जुगाड़ करके रखा हुआ है, जिसे जानकर हैट्स ऑफ़ करने का मन तो ज़रूर करेगा. 

बनाया है एक इको फ़्रेंडली घर 

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द बेटर इंडिया के अनुसार, कनुभाई करकरे ने साल 2000 में क़रीब 2.8 लाख रुपए लगाकर अपने घर को इको फ़्रेंडली तरीक़े (Eco Friendly Home With Zero Electricity Bill) से डिज़ाइन किया था. उन्होंने घर में एक ऐसा सेटअप तैयार किया जिसने पानी के साथ-साथ बिजली की समस्या का भी समाधान किया. कनुभाई ने घर को ऐसे पॉजिशन में बनाया है, ताकि वो अधिक से अधिक सूर्य की रोशनी ले सके. साथ ही ख़िड़कियों को आम आकार की तुलना में बड़ा बनाया ताकि हवा अधिक से अधिक घर के अंदर प्रवेश करे. 

उन्होंने Horizontal Cross-Ventilation Technique का इस्तेमाल किया है, जिससे घर के अंदर प्रवेश करने से पहले गर्म हवा ठंडी हो जाए. कनुभाई का कहना है कि उनके घर को शाम 6 बजे से पहले लाइट की ज़रूरत नहीं पड़ती. वहीं, ठंडी हवा घर में प्रवेश करती है इसलिए पंखा या AC भी ज़रूरत नहीं पड़ती.  

ऐसे किया पानी की समस्या का समाधान  

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कनुभाई को बाहर से पानी लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. दरअसल, उन्होंने 20 हज़ार लीटर की एक अंडरग्राउंड टैंक बनाई है, जिसमें बारिश का पानी आकर जमा होता है. इसके अलावा, 8 हज़ार लीटर की एक और वॉटर टैंक का निर्माण किया गया है, जिसका पानी बगीचे व अन्य कामों के लिए इस्तेमाल होता है. वहीं, अगर पानी दोनों टैंकों में ज़्यादा जमा हो जाता है, तो वो नीचे ज़मीन में चला जाता है. इससे भू-जल के स्तर को बढ़ाने में भी मदद मिलती है. कनुभाई का कहना है कि उनके इलाक़े में हमेशा से ही पानी की किल्लत रही है, इसलिए उन्होंने इस पूरे सेटअप को तैयार किया. 

मिलते हैं 10 हज़ार रुपए 

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जैसा कि हमने बताया कि कनुभाई करकरे को बिजली का बिल भी देना नहीं पड़ता. दरअसल, उन्होंने घर (Eco Friendly Home With Zero Electricity Bill) में ही एक बढ़िया 3 kW का सोलर सिस्टम भी लगा रखा है. ये सोलर पैनल उन्होंने Surya Gujarat Scheme के तहत लगाया था. वहीं, जैसा कि हमने बताया कि उनके घर में बिजली की खपत कम होती है, इसलिए सोलर पैनल से पैदा हुई अतिरिक्त बिजली ग्रिड में चली जाती है, जिससे सरकार की तरफ़ से उन्हें हर साल 10 हज़ार रुपए मिलते हैं.  

बिना रसायन उगाते हैं साग-सब्जी 

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 कनुभाई करकरे घर के बगीचे में है ऑर्गेनिक रूप से साग-सब्जी उगाते हैं, जिससे वो बाज़ार की रसायन से उगाई गई सब्जियों से भी बच जाते हैं. बता दें कि इनके घर को राज्य सरकार ने इनके घर को ‘आदर्श घर’ का ख़िताब भी दिया है.