अगर आपको लगता है कि विमान में मौजूद केबिन क्रू केवल आपको खाना और ड्रिंक्स सर्व करने तक ही सीमित है, तो आपको एक बार फिर सोचने की जरूरत है. दुनिया की सबसे चर्चित एयरलाइंस में शुमार, एमिरेट्स के क्रू मेंबर्स सामान्य सर्विस उपलब्ध कराने के साथ ही आपकी जान बचाने के लिए भी ट्रेन किए जाते हैं.
2016 में एमिरेट्स ने अपने केबिन क्रू और पायलटों को करीब 23 हज़ार घंटों की मेडिकल ट्रेनिंग मुहैया कराई थी, ताकि इमरजेंसी की स्थिति में विमान स्टाफ़ यात्रियों को सहायता पहुंचा सके.
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इस ट्रेनिंग सेशन में लाइफ़ सपोर्ट (CPR), अस्थमा, दिल से जुड़ी तकलीफें, ट्रॉमा से जुड़े विषय और इमरजेंसी डिलीवरी जैसे कई मेडिकल विषयों को भी शामिल किया गया है. एमिरेट्स के पायलट भी हाइपोक्सिया, मलेरिया, डेंगू, ट्रॉमा जैसी बीमारियों से जुड़े ट्रेनिंग सेशन में शामिल होते हैं.
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अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफ़िक के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइंस एमिरेट्स की 2016 में 1,94,000 फ्लाइट्स उड़ी थी. 2016 के उन 12 महीनों में इस एयरलाइंस को मेडिकल इमरजेंसी की वजह से 60 से ज़्यादा बार अपने तय रास्ते से मुड़ना पड़ा था.
एमिरेट्स एयरलाइंस को महज एक बार अपने रास्ते से भटकने पर 65,000 से लेकर 78,000 अमेरिकी डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है जिसका भुगतान एमिरेट्स एयरलाइंस को कभी नहीं हो पाता है. हालांकि ये काफ़ी हद तक विमान के ईंधन, एयर नेविगेशन कीमत, लैंडिग और ग्राउंड हैंडलिंग फीस जैसी चीज़ों पर भी निर्भर करता है.
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एमिरेट्स के हर विमान के साथ 7 मिलियन डॉलर से ज़्यादा के उपकरण भी उपलब्ध रहते हैं. इसमें इमरजेंसी मेडिकल किट, ऑक्सीजन बोतल, सैटेलाइट मेडिकल एडवाइज़री सर्विस और डिफ्रिबिलेटर भी शामिल है.
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अगली बार किसी फ्लाइट अटेंडेंट के साथ आपकी बहस हो तो ये जरूर याद रखिएगा कि इमरजेंसी के केस में वो आपकी जान भी बचा सकते हैं.