भारत विविधताओं वाला देश है. यहां का खाना हो या पहनावा, ये विभिन्नता हर क्षेत्र में देखने को मिल ही जाती है. एक कहावत है कि ‘कोस-कोस पर वानी बदले, चार कोस पर पानी’. ये विभिन्नता भारत के अलग-अलग हिस्सों में मिलने वाले ड्रिंक्स में भी दिखाई देती है.

1. मसाला चाय

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चाय भारत की अकेली ऐसी ड्रिंक है, जो कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक मिल जाती है. अलग-अलग स्वाद और अलग तरीकों से बनी चाय एक बार ट्राई ज़रूर करें. अदरक मसाला चाय तो हर जगह आसानी से मिल ही जाएगी, लेकिन कश्मीर की केसर वाली चाय या बनारस की पप्पू की स्पेशल चाय और पुरानी दिल्ली की फ़िरदौस की चाय, ये सब आपको ढूंढने पर ही मिलेगा. जब भी आप इन जगहों पर जाएं, तो शहर की तंग गलियों में इन्हें ढूंढें और लुफ़्त उठाएं.

2. कहवा और नून चाय

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कश्मीर का प्रसिद्ध ‘कहवा’, केसर, दालचीनी, इलाइची से बनी ग्रीन टी होती है. दिल-ओ-दिमाग़ को तरोताज़ा कर देने वाली इस चाय में अगर नींबू मिल जाए, तो इसका ज़ायका और भी बढ़ जाता है. कहवा के अलावा, कश्मीर की नून चाय भी काफ़ी प्रसिद्ध है. ये मसाला चाय की तरह ही बनती है, लेकिन इसमें चीनी की जगह नमक का प्रयोग होता है.

3. अंगूरी

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अंगूरी हिमाचल की प्रसिद्ध देसी ड्रिंक है, जिसे किन्नौरी के नाम से भी जाना जाता है. यह हिमाचल का पारंपरिक पेय है, जो विभिन्न त्योहारों और अवसरों पर पिया जाता है. अंगूरी बनाने के लिए हरे और लाल अंगूरों का प्रयोग किया जाता है.

4. ठर्रा

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गर्मियों में गन्ने का जूस तो हम सब पीते हैं, लेकिन उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में गन्ने से शराब बनाई और पी जाती है. हरियाणा, उत्तर प्रदेश और नासिक में भी गन्ने से बनी ठर्रा पी जाती है.

5. महुआ

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‘एमपी ग़ज़ब है’ तो सुना ही होगा, तो एक और बात सुनिए, एमपी में महुआ के फूल से शराब भी बनाई जाती है. महुआ का फूल, जो अपनी अनोखी ख़ुशबू के लिए पहचाना जाता है. तो जब भी एमपी जाएं, एक बार महुआ पीएं ज़रूर.

6. चांग

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चांग सिर्फ़ शराब-बियर ही नहीं, बल्कि सिक्किम की परंपरा और विरासत का एक मुख्य हिस्सा भी है. जाड़ों में चांग लकड़ी के कप में परोसी जाती है. अगर आप सिक्किज़्म को महसूस करना चाहते हैं, तो सिक्किम जाकर चांग ज़ायका एक बार लुफ़्त ज़रूर उठाएं .

7. क्यात

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मेघालय की हसीन वादियां ही दिल नहीं लुभातीं, बल्कि यहां की एक देसी ड्रिंक भी आपको अपना दीवाना बना लेगी. मेघालय में हर अवसर पर परोसी जाने वाली क्यात, एक बार ट्राई जरूर करें. इस शानदार देसी शराब के बिना मेघालय की कोई दावत पूरी नहीं होती है.

8. ताड़ी

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बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ताड़ी एक प्रसिद्ध पेय है. यहां लोग सुबह-सुबह ताड़ के बागानों में जाकर ताज़ी-ताज़ी ताड़ी पीते हैं. ताड़ी अपने आप में औषधीय गुणों से भरपूर होती है, लेकिन ज़्यादा मात्रा में ताड़ी पीने से नशा होता है.

9. हांडिया

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पश्चिम बंगाल के आदिवासी क्षेत्रों में हांडिया काफ़ी लोकप्रिय है. हांडिया चावल के छोटे-छोटे टुकड़ों के साथ 25 अन्य प्रकार हर्ब्स को मिला कर तैयार की जाती है. हांडिया बंगाल के कई आदिवासी लोगों को रोज़गार भी देती है.

10. सोंती

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कोयले की खदानों के अलावा, झारखंड में प्रसिद्ध है चावल से बनने वाली शराब, सोंती. गर्मी में शरीर के तापमान को कम रखने में सोंती काफ़ी सहायक होती है. ये देसी जापानी शराब है. तो झारखंड जब भी जाएं, तो सोंती पीएं ज़रूर.

11. ठंडई

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बनारस में ठंडई का बहुत महत्व है. यहां ठंडई के बगैर होली खेली नहीं जा सकती है. होली के दिन बनारस के हर चौक-चौराहे पर आपको लोग ठंडई का स्वाद लेते हुए नज़र आ जाएंगे.

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आप चाहे घूमने कहीं भी जाएं, इन ड्रिंक्स से यहां की संस्कृति-परंपरा जुड़ी होती है. आप वहां के लोगों से जुड़ सकते हैं. ये देसी ड्रिंक्स आपकी ट्रिप को यादगार बना देंगी.