टेक्नॉलॉजी (Technology) ने तस्वीरें खिंचना बेहद आसान कर दिया है. अच्छे से अच्छा कैमरा, बढ़िया लाइटिंग (Lighting) के बावजूद कई बार तस्वीरों में हमारी आंखें लाल दिखती हैं..
क्यों आंखें हो जाती हैं लाल?
आस-पास कम रौशनी (Low Ambient Light) होने पर हमारी आंखों की पुतली (Pupil) बड़ी हो जाती है ताकि आंखों के अंदर ज़्यादा लाइट (Light) एन्टर करे. Retina के ब्लड वैसेल्स (Blood Vessels) जो लाइट रिफ़्लेक्ट (Light Reflect) करते हैं उसी से आंखें लाल दिखती हैं. जब कैमरा फ़्लैश (Camera Flash) का लाइट रेटिना (Retina) पर पड़ती है तो रेड-आई इफ़ेक्ट (Red Eye Effect) होता है.
ये है वजह?
Bright Side Me के लेख की मानें तो आपकी तस्वीरों में आपकी आंखें लाल इसलिये दिखती है क्योंकि आपने सीधे कैमरा लेन्स (Camera Lens) में देखा है. Red Eye Effect को ख़त्म करने के लिये आप तस्वीर खिंचवाते समय पास के किसी लाइटबल्ब (Lightbulb) में देखिये.
किसी की आंखें लाल, किसी की नहीं, ऐसा क्यों?
अलग-अलग व्यक्तियों की आंखें, अलग-अलग तीव्रता से लाइट रिफ़्लेक्ट करती हैं. ये व्यक्ति के पुतली के आकार, उम्र और पुतलियों के रंग पर निर्भर करता है.
टीवी पर जानवरों वाले प्रोग्राम्स में हमने जानवरों की आंखें चमकती हुई देखी हैं. जानवरों की पुतलियों में Tapetum Lucidum Layer होता है, इंसानों में ये Layer नहीं होता. अगर किसी व्यक्ति की आंखों में फ़्लैशलाइट मारी जाये, तो लाइट रिफ़्लेक्ट नहीं होती न ही जानवरों की तरह आंखें चमकती दिखती हैं.