इंसान की आंखें 7 मिलियन से अधिक रंगों को देखने में सक्षम हैं. यही कारण है कि हम बहुत सी चीज़ों के रंग बदलकर उन्हें अपने लिए बहुउपयोगी बना सकते हैं. आज हम आपके लिए रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली कुछ चीज़ों के रंग और उनके पीछे का कारण डिकोड करने जा रहे हैं, इनमें से कुछ के बारे में जान आप दांत तले उंगलियां दबा लेंगे. 

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1. टायर 

Tires रबड़ से बनते हैं और वो सफ़ेद रंग के होते हैं, लेकिन इन्हें मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए इनमें Carbon Black मिलाया जाता है. इससे इनका रंग काला हो जाता है.

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2. टॉयलेट पेपर 

टॉयलेट पेपर का रंग सफे़द ब्लीच के कारण होता है. इसके बिना ये भूरे रंग का होगा. कुछ कंपनियां रंगीन टॉयलेट पेपर भी बेचती हैं, लेकिन इससे इनकी लागत बढ़ जाती है. साथ में सफ़ेद टॉयलेट पेपर आसानी से सड़-गल जाता है, इसलिए भी ये इसी रंग का होता है.

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3. स्कूल बस 

स्कूल की बसें जो है पीले-काले रंग की होती हैं. इसका सबसे बड़ा कारण सेफ़्टी होती है. ये रंग आसानी से अंधेरे में दूसरे ड्राइवर्स को दिख जाता है, साथ में धुंध के समय या सुबह-सुबह बच्चे भी इसे आसानी से पहचान लेते हैं.

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4. फ़ुटबॉल 

फ़ुटबॉल पहले सफ़ेद रंग की होती थीं, लेकिन Black & White टीवी पर इन्हें पहचानने में मुश्किल होती थी. इसलिए इन्हें ब्लैक एंड व्हाइट बनाया जाने लगा. इस फ़ुटबॉल को लोग टीवी-स्क्रीन पर आसानी से तलाश लेते थे.

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5. एरोप्लेन 

लगभग सभी एरोप्लेन सफ़ेद रंग के होते हैं. सूर्य के प्रकाश को प्रतिबिंबित करने के लिए इन्हें सफ़ेद बनाया जाता है, इससे वो जल्दी गर्म नहीं होते. हवाई जहाज़ सफ़ेद रंग के होते हैं इसलिए उन्हें ठंडा होने में भी ज़्यादा टाइम नहीं लगता. 

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6. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 

हालांकि, सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के रंग अलग-अलग होते हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर नीले रंग को ही चूज़ करते हैं क्योंकि नीला रंग बुद्धि और मन से संबंधित है जो संचार(Communication) की क्रिया से जुड़ा है.  ये रंग सुरक्षा और विश्वसनीयता का भी प्रतीक है.

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7. ज़ेबरा क्रॉसिंग 

Zebra Crossings काले और सफे़द रंग की होती हैं ताकि ये दूर से ही वाहन चालकों को दिखाई दे जाएं. इससे चालकों को अपने वाहन की गति कम करने और लोगों को सड़क पार करने का पर्याप्त समय मिल जाता है.

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8. ट्रैफ़िक लाइट 

Traffic Lights में लाल, पीला और हरा रंग होता. लाल रंग की Wavelength अधिक होती है इसलिए ये दूर से दिख जाता है. पीले रंग की Wavelength हरे से अधिक होती है इसलिए वो भी दूर से दिख जाता है. हरे रंग की Wavelength कम होती है. इसलिए ग्रीनलाइट दूर से नहीं दिखती. इसी वजह से इन तीनों रंगों को ट्रैफ़िक लाइट्स के लिए चुना गया है.

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इन सभी के बारे में आपको तो पता चल गया, अब इस जानकारी को अपने दोस्तों से भी शेयर कर दो.