मांसपेशी में से किसी अंग या फिर उत्तक का अप्रत्याशित रूप  से बाहर निकल आने को हर्निया कहते हैं. ये बीमारी किसी भी एज और जेंडर के लोगों को हो सकती है. आजकल ये बीमारी बहुत से लोगों को होने लगी है. इसलिए आज हम आपको हर्निया से जुड़े लक्षण और इसका क्या इलाज है ऐसे ही हर्निया से जुड़े तमाम सवालों के जवाब लेकर आए हैं.

हर्निया से जुड़े इन सभी सवालों के जवाब Laparoscopy & Bariatric Surgery Centre मुंबई की डॉक्टर अपर्णा गोविल भास्कर ने दिए हैं.

हर्निया के प्रकार

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Inguinal (कमर के आस-पास)-73%.

Femoral (जांघ से ऊपर और कमर से नीचले हिस्से में)-17%.

Umbilical (नाभी में)- 8.5%.

Congenital (पेट या आंत में).

Epigastric (नाभी से ऊपरी हिस्से में).

Incisional (किसी भी पुरानी सर्जरी के निशान पर).

दुर्लभ प्रकार के हर्निया: Lumbar, Spigelian, Obturator और Gluteal.

हर्निया क्यों होता है?

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इसके दो बड़े कारक हैं एक पेट की मासपेशियों का कमज़ोर होना दूसरा पेट पर बढ़ता दबाव जिसके कारण उसके अंदर के ऑर्गन किसी कमज़ोर छिद्र से निकल बाहर आ जाते हैं. पेट की मासपेशियां आमतौर पर पेट के पास जमा अतिरिक्त फ़ैट, बार-बार गर्भधारण और कई सर्जियों के होने से कमज़ोर हो जाती हैं. 

दूसरी तरफ़ पेट पर होने वाला दबाव लंबे समय तक रहने वाली खांसी, भारी व्यायाम, कब्ज और अत्यधिक देर तक मूत्र को रोकने से बढ़ सकता है.

मेडिकल जांच कब करवाएं?

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अगर आप पेट या कमर के हिस्से में कहीं भी दर्द या फिर गांठ को महसूस कर रहे हैं, पेट में तेज़ दर्द के साथ उल्टियां होना, कब्ज और पेट में सूजन की लंबे समय से शिकायत हो तो आपको मेडिकल चेकअप करवा लेना चाहिए. अधिकतर मरीज़ हर्निया के बढ़ने यानी शरीर के बाहर अंग के लटकने या फिर सूजन के बढ़ने के बाद आते हैं. ऐसा करने से बचें. अगर आपके पेट-कमर में उभार महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

ट्रीटमेंट यानी हर्निया का उपचार

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हर्निया सिर्फ़ दवाइयों से ठीक नहीं हो सकता. इसके लिए ऑपरेशन करने की ज़रूरत पड़ती है. ऑपरेशन मेजर होगा या माइनर ये हर्निया कितना पुराना है और उसके प्रकार पर निर्भर करता है. ये सर्जरी नॉर्मल या फिर Laparoscopy दोनों तरीकों से की जा सकती है. 

सर्जरी के बाद

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सर्जरी के बाद कुछ महीनों तक शरीर का ख़्याल रखना बहुत ज़रूरी है. ऐसा न करने पर हर्निया दोबारा होने के चांस बढ़ जाते हैं. इसलिए ऑपरेशन के बाद भारी सामान उठाने से बचें, भारी व्यायाम न करें,  खांसी और कब्ज का तुरंत इलाज करवाएं.