मध्य प्रदेश… हिन्दुस्तान का दिल देखो वाले विज्ञापन तो देखे ही होंगे. मध्य प्रदेश में है अहिल्यानगरी इंदौर. नर्मदा नदी के तट पर सन 1715 में इस शहर की स्थापना की गई, वैसे कुछ लोगों का मानना है कि शहर की स्थापना 1710 में ही हो गई थी. इस शहर पर मुग़लों, अंग्रेज़ों और मराठाओं ने राज किया. इस वजह से इस शहर पर अलग-अलग शासकों की निशानियां दिखती हैं. इंदौर की कई ख़ूबसूरत जगहों में से एक है राजवाड़ा.
आज जानते हैं इस राजवाड़े से जुड़े कुछ फ़ैक्ट्स, जहां की ईंटों में आज भी ‘होल्कर वंश’ की कहानियां गूंजती है.
1. ‘राजवाड़ा’ को ‘होल्कर महल’ के नाम से भी जाना जाता है और ये इंदौर के सबसे पुरानी संरचनाओं में से एक है.
2. इस महल में मुग़ल, अंग्रेज़ी, फ़्रैंच स्टाइल वास्तुकला के नमूने दिखते हैं. महल का दक्षिणी हिस्सा किसी मुगलिया स्मारक, पूर्वी हिस्सा यूरोपियन ढांचा जैसा दिखता है. रानी अहिल्याबाई की राजगद्दी, दरबार हॉल को फ़्रैंच स्टाइल में बनाया गया था. महल की बालकनी, खिड़कियां और गलियारे मराठा स्टाइल में बनाए गए थे.
3. महल के नीचे की तीन मंज़िलें पत्थर से और ऊपर की चार मंज़िल ईंट और लकड़ी से बनाई गई हैं.
4. महल में एक बड़ा से हॉल है, जिसे ‘गणेश हॉल’ कहा जाता था जहां पर विशेष आयोजन होते थे.आज यहां पर आर्ट एक्ज़िबिशन और क्लासिकल म्यूज़िक कॉनसर्ट होते हैं.
5. आम जनता के लिए यहां ‘लाइट और साउंड शो’ का भी आयोजन किया जाता है.
6. महल के आस-पास लोकल बाज़ार लगता है.
7. राजवाड़ा इकलौता महल है जिसका 7 मंज़िला प्रवेश द्वार है.
ये महल आज भी होल्करों की कहानी कहता है.