Tax Free Movie: आप लोगों ने कई बार सुना होगा कि फलाना फ़िल्म को टैक्स फ़्री (Tax Free) कर दिया गया है, लेकिन अधिकतर लोगों को इस टैक्स फ़्री शब्द का असल मतलब पता नहीं होता है. ऐसा ही 11 मार्च को रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘द कश्‍मीर फ़ाइल्‍स’ (The Kashmir Files) के साथ हुआ है, जो कश्‍मीरी पंडितों के पलायन पर बनी है. लोगों का कहना है कि, इसमें कश्मीरी पंडितों के पलायन का दर्द दिखाया गया है. इस फ़िल्म को कई राज्यों जैसे- उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, उत्‍तराखंड और गोवा में टैक्स फ़्री किया गया है. हालांकि, फ़िल्म रिलीज़ के दिन से ही बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है. सिनेमाघरों से निकले दर्शक सिर्फ़ फ़िल्म की तारीफ़ ही कर रहे हैं, ख़ैर ये तो फ़िल्म की बात हुई. (Tax Free Movie)

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अब बात करते हैं किसी भी फ़िल्म के ‘टैक्स फ़्री’ होने का मतलब क्या है और कौन-कौन सी फ़िल्मों को टैक्स फ़्री फ़िल्मों (Tax Free Movie) के दायरे में रखा जाता है?

टैक्स फ़्री होने का मतलब

दरअसल, भारत में अगर किसी फ़िल्म को टैक्स-फ़्री (Tax Free) किया जाता है, तो इसका मतलब होता है दर्शकों को टिकट के साथ टैक्स नहीं भरना पड़ेगा. ऐसे में आपकी फ़िल्म टिकट ऑटोमेटिक सस्ती हो जाती है. इस दौरान राज्य सरकार द्वारा फ़िल्म से ‘एंटरटेनमेंट टैक्स’ हटा दिया जाता है. हर राज्य में अलग-अलग एंटरटेनमेंट टैक्स होता है, राज्य सरकार उस हिसाब से फ़ैसला लेती है. इसके अलावा, फ़िल्म का विषय भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो ये सुनिश्चित करता है कि फ़िल्म को ज़्यादा से ज़्यादा देखा जाएगा. तभी उस फ़िल्म को टैक्स-फ़्री किया जाता है.

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कौन-सी फ़िल्मों को टैक्स फ़्री किया जाता है?

आमतौर पर उन फ़िल्‍मों को टैक्‍स-फ़्री किया जाता है, जो विषय लोगों तक पहुंचने ज़रूरी होते हैं और उनका समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा, इस कैटेगरी में राष्‍ट्रीय स्‍तर की शख़्सियत पर बनी फ़िल्‍में और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने वाली फ़िल्‍में आती हैं. फ़िल्मों को टैक्स-फ़्री (Tax Free) करने या न करने का फ़ैसला राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है.

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Orissapost की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्‍य सरकार सिनेमाघरों से ‘एंटरटेनमेंट टैक्‍स’ वसूलती है, लेकिन 1 जुलाई 2017 को GST एक्ट लागू होने के बाद से केंद्र सरकार ने फ़ैसला किया कि हर राज्य से फ़िल्‍मों की टिकट पर 28% GST भी लिया जाएगा. इस टैक्‍स से होने वाली कमाई का आधा हिस्सा राज्‍य सरकार और आधा केंद्र सरकार को जाएगा. (Tax Free Movie)

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इस नियम के लागू होते ही बॉलीवुड में हड़कंप मचा गया और वो इसमें राहत देने की मांग करने लग गए. फ़िल्‍म जगत से जुड़े लोगों का कहना था कि फ़िल्म टिकट पर 28% GST लगाना बहुत ज़्यादा है. फ़िल्म जगत के लोगों को सरकार ने राहत तो दी, लेकिन इसे दो हिस्सों में बांट दिया. पहला, 100 रुपये से कम क़ीमत वाले टिकट पर 12% GST और दूसरा, 100 रुपये से ज़्यादा वाले टिकट पर 18% GST लगाया जाएगा.

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इसे ऐसे समझ सकते हैं, कि अगर किसी राज्य में फ़िल्‍म टिकट पर 18% GST लागू है और वो फ़िल्म टैक्स-फ़्री घोषित हो गई तो वो राज्य 18% की जगह 9% ही GST लेगा. इसमें राज्य सरकार के हिस्से का 9% माफ़ किया जाता है क्योंकि हर राज्य आधिकारिक तौर पर अपने हिस्से का 50% टैक्स माफ़ करता है. इसलिए जो 9% टैक्स लगाया जाता है वो केंद्र सरकार के हिस्से का होता है.

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क्या बदलाव होते हैं और क्या नहीं?

1. सिनेमा हॉल या मल्टीप्लेक्स न एंट्री फ़ीस बढ़ा सकते हैं और न ही बैठने की क्षमता में बदलाव कर सकते हैं.


2. टैक्स-फ़्री फ़िल्मों के टिकट पर प्रमुख रूप से लिखा होना चाहिए कि, ‘राज्य सरकार के आदेश के अनुसार GST नहीं वसूला जाएगा’.

3. सिनेमा थिएटर या मल्टीप्लेक्स को Reimbursement के दौरान ग्राहकों से राज्य GST नहीं वसूलेंगे, बल्कि उन्हें GST के आधार पर टिकट की क़ीमत घटाकर दी जाएगी.

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आपको बता दें, अब तक जो फ़िल्में टैक्स-फ़्री रिलीज़ हुई हैं उनमें ‘टॉयलेट-एक प्रेम कथा’, ‘नीरजा’, ‘हिंदी मीडियम’, ‘मांझी: द माउंटेन मैन’, ‘एयरलिफ़्ट’, ‘दंगल’, ‘नील बटे सन्नाटा’, ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’, ‘सरबजीत’ और ‘मैरी कॉम’ शामिल हैं. (Tax Free Movie)

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बता दें कि फ़िल्मों का टैक्स-फ़्री होना या होना पूरी तरह से फ़िल्म के विषय के आधार पर राज्य सरकार द्वारा लिए गए फ़ैसले पर निर्भर करता है.