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मसलन, आपने गौर किया होगा कि कई लोग अपनी गाड़ियों पर तिरंगा लगाकर घूमते हैं. वो ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें अपने देश और उसके प्रतीकों से प्यार हैं. मगर क्या आप ये जानते हैं कि ऐसा करना ग़लत है. अब जबकि देश अपना गणतंत्र दिवस मना रहा है. ऐसे में बहुत से लोग तिरंगे को लेकर सड़कों पर दिखाई देंगे. ऐसे में ये जान लेना आपके लिए बेहद ज़रूरी है कि कहीं ग़लती से भी आप क़ानून का उल्लंघन न कर दें.
हर कोई अपनी कार पर नहीं लगा सकता तिरंगा
भारतीय तिरंगे को लेकर नियम एकदम साफ़ हैं. इसके लिए भारतीय झंडा संहिता 2002 बनाई गई है. इसके मुताबिक़, हर कोई अपनी गाड़ी पर भारतीय झंडे को नहीं लगा सकता है. ये विशेषाधिकार कुछ लोगों तक ही सीमित है.
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इनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर, केंद्रीय और राज्य विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारी और सभी केंद्रीय और राज्य मंत्री, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों पोस्टों के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश और हाईकोर्ट के न्यायाधीश शामिल हैं. बता दें, जब कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति सरकार द्वारा प्रदान की गई कार में यात्रा करता है, तो राष्ट्रीय ध्वज कार के दाहिनी ओर फहराया जाएगा और कार के बाईं ओर विदेशी देश का ध्वज फहराया जाएगा.
तिरंगे को लेकर नियम
राष्ट्रीय ध्वज का आकार आयताकार होना चाहिए, जिसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा. वीवीआईपी उड़ानों में विमान के लिए 450X300 मिमी आकार का, मोटर-कारों (जिन्हें लगाने की इजाज़त है) के लिए 225X150 मिमी आकार और टेबल फ़्लैग के लिए 150X100 मिमी आकार का उपयोग किया जाना है.
आम जनता, निजी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों आदि के सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते वे सभी निर्धारित नियमों का पालन करें-
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ध्वज का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. किसी भी व्यक्ति को सलामी देने के लिए झंडा नहीं झुकाना चाहिए. ध्वज का उपयोग पोशाक या वर्दी के हिस्से के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. इसे कुशन, रूमाल, नैपकिन या किसी ड्रेस सामग्री पर प्रिंट नहीं किया जाना चाहिए. ध्वज पर कुछ लिखना नहीं चाहिए.
ध्वज का उपयोग किसी भी चीज़ को रखने या किसी चीज़ को ले जाने के लिए नहीं करना चाहिए. हालांकि, गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उसमें फूलों की पंखुड़ियां रखी जा सकती हैं. झंडे को जानबूझकर उल्टा नहीं लगाना चाहिए. किसी चीज़ को ढकने में इसका इस्तेमाल मना है. राष्ट्रीय ध्वज को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रदर्शित किया जाना चाहिए.
झंडे के अपमान पर 3 साल तक की जेल का प्रावधान
कुछ विशेष व्यक्तियों के अलावा अगर कोई तिरंगा अपनी कार पर लगाता हो, उस पर कार्रवाई की जा सकती है. साथ ही, अगर झंडे का अपमान करता है, मसलन, कोई व्यक्ति झंडे को कुचलता है, या गंदा करता है या फिर जला देता है, ऐसी स्थिति में उस पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत कार्रवाई होगी. ऐसे में उसे 3 साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है.