हिंदुस्तान के राजा और नवाब खाने के बहुत ही शौक़ीन थे. उनके लिए शाही खानसामे कोई न कोई स्वादिष्ट डिश बनाते रहते थे. आज हम आपको एक ऐसी ही डिश के बारे में बताएंगे, जो एक नवाब की सहुलियत के लिए बनाई गई थी. उस डिश का स्वाद लोगों पर ऐसा चढ़ा की आज भी इसे लोग बड़े चाव से खाते हैं.

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बात हो रही है एक ऐसे कबाब की जो मुंह में जाते ही घुल जाता है और उसे होंठों से चबाकर भी खा सकते हैं. कबाब के शौक़ीन तो समझ ही गए होंगे हम किसकी बात कर रहे हैं. गलौटी कबाब (Galouti Kebab) है ये डिश. इसे लोग पूरे हिंदुस्तान में चटकारे मारकर खाते हैं. इस कबाब का इतिहास (History)भी बड़ा मज़ेदार है. इसकी खोज एक नवाब के लिए की गई थी जो मीट के कबाब के बड़े शौकीन थे. आइए बताते हैं आपको इस लज़ीज़ कबाब की खोज की कहानी. 

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लखनऊ में हुई थी इसकी खोज

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इस स्वादिष्ट कबाब की खोज अपने नवाबों और खातिरदारी के लिए मशहूर लखनऊ में हुई थी. यूं तो कबाब 13 वीं शताब्दी से ही हमारी थाली का हिस्सा रहे हैं, लेकिन इस कबाब की खोज ख़ासतौर पर एक नवाब के लिए किया गया था. ये कोई और नहीं नवाब सिराज-उद-दौला के उत्तराधिकारी नवाब असफ-उद-दौला (Nawab Asaf-ud-Daula) थे. इन्हें भारतीय पाक संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए आज भी लोग याद करते हैं. 

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दांत टूट जाने के कारण हुई खोज  

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दरअसल, उन्हें खाने का बहुत शौक़ था, तो इसलिए उनके खानसामे नवाब के लिए अलग-अलग डिश बनाने के प्रयोग में लगे रहते थे. कहा जाता है कि उनके लिए जो डिश बनाई जाती थी उसे नवाब के दरबारियों और यहां तक कि वहां काम करने वाले मज़दूरों में भी बांटा जाता था. ऐसे ही एक बार जब उम्र के तकाजे की वजह से उनके दांत टूट गए तो उनके रसोइयों ने नवाब के लिए एक स्पेशल कबाब की खोज की. 

इस शेफ़ ने पहली बार बनाया था गलौटी कबाब (Galouti Kebab)

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चूंकि नवाब को मीट का कबाब बहुत पसंद था तो उनके लिए ऐसा कबाब बनाना था जिसे बिना दांत के आसानी से खाया जा सके और स्वाद में वो बिलकुल कबाब जैसा ही हो. इसलिए उनके खानसामे हाजी मोहम्मद फकर-ए-आलम (Haji Mohammad Fakr-e-Alam Saheb) ने गलौटी कबाब (Galouti Kebab) की खोज की. इसे बिना चबाए आसानी से खाया जा सकता है. ‘गलौटी’ का मतलब होता है मुलायम, ये कबाब इतना सॉफ़्ट होता है कि मुंह में जाते ही घुल जाता है. 

अब रेसिपी भी जान लीजिए  

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इसे उन्होंने मीट के कीमे से बनाया था. फिर इसमें बहुत सारे मसाले डाल कर उसकी पैटी बनाई और तेल में पकाया. इस तरह ये लजीज़ गलौटी कबाब तैयार हुआ जो खाने में मलाईदार और मुंह में पानी लाने वाला था. इस कबाब का इतिहास सुन आपको भी इसे खाने का मन कर रहा होगा. इसे आप घर पर भी बना सकते हैं. इसकी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें. 

गलौटी कबाब के इतिहास के बारे में पहले जानते थे आप?