टैटू, कुछ लोगों के लिए Style Statement है, तो कुछ लोगों के लिए अपनी सोच को दिखाने का तरीका. कुछ जाति और जनजातियों की संस्कृति का हिस्सा है टैटू.
लेकिन एक शोध से पता चला है कि Permanent टैटू से Lymph Nodes फ़ूल जाते हैं. Lymph Nodes, हमारे Immune System यानि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता है. टैटू की इंक में ख़तरनाक केमिकल्स होते हैं, जो शरीर मं मौजूद Lymph Nodes तक पहुंचते हैं और उनका आकार बढ़ा देते हैं.

शरीर में जाने वाले केमिकल्स के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं होती. ज़्यादातर टैटू की स्याही में Organic Pigments होते हैं. इसी के साथ टैटू इंक को Preserve करने के लिए Preservatives और Nickel, Chromium, Manganese, Cobalt जैसे दूषित पदार्थ भी होते हैं.
टैटू इंक में सबसे ज़्यादा कार्बन ब्लैक का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा टैटू इंक में Titanium Dioxide (एक सफ़ेद रंग का पदार्थ) का इस्तेमाल किया जाता है. Titanium Dioxide का इस्तेमाल Sunscreen और Paint में भी किया जाता है.
सफ़ेद टैटू बनवाने पर खुजली, टैटू से बने जख़्म का ना भरना आदि कि समस्यायें होती हैं. ये Titanium Dioxide के ही साइड-इफ़ेक्ट्स हैं.

जर्मनी स्थित, European Synchroton Radiation Facility के शोधार्थियों ने शोध करके स्वास्थ्य पर टैटू से पड़ने वाले दुष्प्रभावों का पता लगाया है. रिसर्च के दौरान ही उन्हें इंसानों के शरीर के अंदर कई तरह के दूषित तत्व मिले. ये Nano Size के तत्व Lymph Nodes में भी मिले. शोधार्थियों के अनुसार, इन दूषित तत्वों के कारण ताउम्र Lymph Nodes का आकार बढ़ा हुआ ही रह जाता है.
अब टैटू बनवाना या ना बनवाना तो आपका निर्णय है.