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बहुत पैसेवाले

सालभर Gym की Membership लेने के बाद भी Gym न जाने वाले!

Gym जाकर डोले-शोले बनाने वालों की तादाद में आजकल काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है. तैमूर से लेकर मोहल्ले की आंटी तक सभी Gym जाते हैं.

Gym जाना ग़लत नहीं है, लेकिन ज़रूरी भी नहीं है सनम. ये हमारे वचन नहीं हैं, बंधू! ऐसा Blue Zone (उच्च जीवन प्रत्याशा वाले क्षेत्र) में रहनेवालों के लिए कहा जा रहा है. Quartz में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में सबसे ज़्यादा सालों तक जीने वाले लोग न Gym जाते हैं, न Marathon में हिस्सा लेते हैं और न ही Dumble उठाते हैं.

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Blue Zone में रहने वाले अपने वातावरण में ही रहते हैं और हिलते-डुलते रहते हैं, बोले तो स्थिर से नहीं बैठते. ये लोग अपने बगीचों में काम करते हैं और घर के काम के लिए मशीनों का प्रयोग कम से कम करते हैं.

शोध में पता चला है कि रोज़ के चलने-फिरने से ही वर्जिश हो जाती है. इससे इंसान की आयु भी बढ़ती है.

आज के दौर में जब लैपटॉप सच्चा प्यार बन चुका है, इस तरह की जीवनशैली के बारे में सोचना असंभव लगता है लेकिन आज से कुछ सालों पहले ऐसा नहीं था. हम अपने घरों में ही देख सकते हैं, हमारे बड़े-बुज़ुर्ग लैपटॉप लेकर दिन नहीं गुज़ारा करते थे.

Tenor

जीवनशैली में चलना-फिरना मुश्किल है, नामुमकिन नहीं. शुरुआत के लिए अगर संभव हो तो आप अपने दफ़्तर तक पैदल या फिर साइकिल से जा सकते हैं, बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए, सब्ज़ियां लाने, आस-पड़ोस में दोस्तों के घर भी आप पैदल जा सकते हैं.

Quartz की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बढ़िया Physical Activity है 15 मिनट के लिए दफ़्तर चलकर जाना और वापस घर आते वक़्त भी 15 मिनट चलना. अगर दफ़्तर दूर है और कैब या बस, मेट्रो से आना-जाना है तो भी ये करना संभव है. घर से थोड़ा पहले उतरकर, घर तक पैदल जाना इतना मुश्किल भी नहीं है, सही है न?

पैदल चलने से वर्जिश तो होती है, ये हमारे दिमाग़ के लिए भी दवा जैसा है. स्वीडन के Karolinska Institute के Physician & Psychiatry Specialist Anders Hansen के अनुसार, पैदल चलने से Dementia होने की संभावना को 40% तक कम किया जा सकता है.

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American Cancer Society के शोध में पाया गया है कि हर हफ़्ते 6 घंटे चलने से Cardiovascular बीमारियों, Respiratory System से जुड़ी बीमारियों और कैंसर से मृत्यु की संभावना को कम किया जा सकता है. इस शोध में ये भी कहा गया है कि हफ़्ते में 2 घंटे चलने से भी बीमारियां होने की संभावनाएं कम हो सकती है.

अगर पैदल चलना आपके बस का नहीं है तो कोई नहीं जी आप छोटे-छोटे कदमों से शुरुआत कर सकते हैं. जैसा- एक दिन में थोड़ी-थोड़ी देर में 5-5 मिनट के लिए चलना. दफ़्तर में लंच करने के बाद वापस डेस्क पर न लौटकर दफ़्तर की ही गेड़ी लगाएं. थोड़ी-थोड़ी देर में अपनी डेस्क पर खड़े होना न भूलें.