तैयार होकर, घूमने-फिरने लगे. स्टोर के शीशे के दरवाज़े से आपको अंदर अपनी फ़ेवरेट चीज़ दिखी. मतलब बस तुरंत अंदर पहुंच जाए और हम वो ख़रीद ले, इससे पहले की कोई और हथिया ले. इस ज़बरदस्ती में दरवाज़े को अपनी और खींचा पर वो खुला नहीं, ज़ोर लगाया फिर भी नहीं खुला, फिर नज़र गई हैंडल पर जिसके पास लगा था, Push का स्टिकर.
अगर आप इस पूरी घटना से रिलेट कर पा रहे हैं तो मेरे दोस्त इस ओखली में सिर्फ़ आपके अकेले का सिर नहीं है. दुनिया में ज़्यादातर लोगों के साथ ऐसा होता है. ये एक ऐसी कला है जो हर इंसान में मौजूद है!
अगर आपसे किसी ने कहा 1+1 कितने होते हैं, आप झट से कह दोगे, 2. ये जोड़ का प्रश्न इतना आसान था कि दिमाग़ों को ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. नंबर देखा और 0.1 सेकेंड में जवाब आ गया. ये लगभग ऑटोमैटिक तरह से सॉल्व हो गया. वहीं अगर कोई आपसे, कहता कि 16*27 कितने होते हैं तो ये हल करने में आपको थोड़ा वक़्त तो लगता. इस सवाल को सॉल्व करने में दिमाग़ को वक़्त लगा, और जवाब Manual Override की वजह से मिला. ये ऑटोमैटिक रिएक्शन नहीं था बल्कि एनालिटिकल रिएक्शन था.
अब किसी कार के Door Handle के बारे में सोचिए, अक्सर बाहर से दरवाज़ा खोलते वक़्त हमारा हाथ अपने आप दरवाज़े को अपनी ओर Pull करता है. शायद ही कोई गाड़ी होगी जिसका दरवाज़ा अंदर कि तरफ़ खुलता हो! आपका दिमाग़ (Autopilot) दरवाज़ा खोलने के मामले में Pull करने का ही आदी हो जाता है.
एक लेख के मुताबिक़, इसकी वजह आप नहीं, ग़लत डिज़ाइन है. कई बार दरवाज़ों पर ढंग से इंस्ट्रक्शन भी नहीं लिखे होते.
Source- Value Tortoise