देश अगर मिट्टी है, तो संस्कृति उसकी ख़ुशबू. आप मिट्टी तो अपने आंगन में जमा कर सकते हैं, मगर उसकी ख़ुशबू को क़ैद नहीं कर सकते. वो तो बहेगी और अपने होने का एहसास कराती रहेगी. वैसे ही जैसे पाकिस्तान (Pakistan) एक अलग मुल्क तो बन गया, मगर आज भी वहां हिंदुओं के ऐतिहासिक मंदिर (Historical Hindu Temples) भारतीय संस्कृति के सुबूत के तौर पर खड़े हैं. 

ये मंदिर बहुत ही लोकप्रिय और देखने लायक हैं. यही वजह है कि यहां श्रद्धालुओं के साथ बड़ी संख्या में पर्यटक भी पहुंचते हैं. आज हम आपको इन मंदिरों और इनके इतिहास से रू-ब-रू कराएंगे.

1. हिंगलाज मंदिर, बलूचिस्तान

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य में स्थित मां हिंगलाज मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है. पौराणिक कथानुसार, जब भगवान शंकर माता सती के मृत शरीर को अपने कंधे पर लेकर तांडव नृत्य करने लगे, तो ब्रह्माण्ड को प्रलय से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के मृत शरीर को 51 भागों में काट दिया था. माना जाता है कि हिंगलाज ही वो स्थान है, जहां माता का सिर गिरा था. इसी वजह से इस मंदिर को यहां स्थापित किया गया.

बता दें, इस मंदिर में हिंदू ही नहीं, बल्कि मुस्लिम भी माथा टेकते हैं. इस शक्तिपीठ को जहां हिन्दू ‘देवी हिंगलाज’ के रूप में पूजते हैं, वहीं मुसलमान ‘नानी का हज’ कहते हैं.

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2.  श्री वरूण देव मंदिर, मनोरा

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100 साल से ज़्यादा पुराना ये मंदिर कराची के मनोरा आईलैंड में स्थित है. कहते हैं 16वीं सदी से मंदिर अस्तित्व में था. हालांकि, इसका मौजूदा स्ट्रक्चर 1917-18 का बना हुआ है. अब इस मंदिर इस्तेमाल अब हिंदू काउंसिल ऑफ पाकिस्तान के कामों के लिए किया जाता है. महासागरों के देवता वरुण को समर्पित इस मंदिर का अच्छे तरीके रख-रखाव नहीं किया गया. हालांकि, आज भी इसकी उत्कृष्ट वास्तुकला और सुंदर शिल्प कौशल देखने लायक है.

3. कटासराज मंदिर, चकवाली

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पंजाब के कटासराज नामक गांव में मौजूद ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. माना जाता है कि इस मंदिर का इतिहास महाभारात काल से भी पहले का है. कहते हैं कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान लगभग 4 साल यहां बिताए थे. साथ ही, लोगों का विश्वास है कि मंदिर के चारों ओर बना पवित्र कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बना है. ऐसी ही पौराणिक कथाओं के कारण ये मंदिर काफ़ी मशहूर है. 

4. पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची

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पाकिस्तान के कराची में हनुमान जी का बहुत ही पुराना पंचमुखी हनुमान मंदिर है, इस मंदिर में आप हनुमान जी की पांच मुख वाली सुंदर मूर्ति देख पाएंगे, जो यहां आने वाले हर पर्यटक को आकर्षित करती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर का इतिहास 1500 साल से भी पुराना है. मंदिर का पुनर्निमाण साल 1882 में कराया गया था. 

5. कालका देवी गुफा, सिंध

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ये गुफा पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी काली हिंगलाज जाने के रास्ते में यहीं रुकी थीं. विभिन्न जाति, पंथ और धर्म के लोगों के लिए इस गुफा की यात्रा शुभ मानी जाती है. हर महीने के पहले सोमवार को यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. सितंबर में वार्षिक उत्सव के दौरान यहां काफ़ी भीड़ देखने को मिलती है.

6. गोरखनाथ मंदिर, पेशावर

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पेशावर में स्थित गोरखनाथ मंदिर पाकिस्तान के खूबसूरत हिंदू मंदिरों में से एक है. इस मंदिर का निर्माण साल 1851 में हुआ था. बंटवारे के बाद 1947 से इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर को साल 2011 में फिर से खोल दिया गया. हिंदू धर्म के लोग इस मंदिर में गोरखनाथ देवता के दर्शन करने के लिए रोज़ आते हैं. मंगलवार को यहां श्रद्धालुओं की काफ़ी भीड़ होती है.

7. स्वामीनारायण मंदिर, कराची

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कराची शहर के बंदर रोड पर स्थित ये मंदिर करीब 160 साल पुराना बताया जाता है. बताया जाता है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के वक्त मंदिर का इस्तेमाल रिफ्यूजी कैंप की तरह हुआ था. इस मंदिर के परिसर में ही एक गुरुद्वारा भी है. यहीं से हिंगलाज भवानी शक्तिपीठ के लिए यात्रा शुरू होती है.

8. राम मंदिर, इस्लामकोट

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पाकिस्तान में भी भगवान राम का एक मंदिर है. ये मंदिर इस्लामकोट में मौजूद है. मंदिर का निर्माण 16वीं सदी में राजा मानसिंह ने करवाया था. ये ऐतिहासिक मंदिर पाकिस्तान के हिन्दुओं के लिए श्रद्धा का प्रतीक है. बता दें, इस्लामकोट पाकिस्तान की वो जगह है, जहां हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी लगभग एक समान ही है.