घर में खेलते हुए बच्चों को चोट लग जाए या फिर किचन/बाहर काम करते हुए कट लग जाए तो तुरंत हम बैंड-ऐड यानि Band-Aid तलाशने लगते हैं. मरहम लगी छोटी सी ये पट्टी सालों से छोटी-मोटी चोट से हमें राहत दिलाती आ रही है. Johnson & Johnson की बैंड-ऐड इस फ़ील्ड की महारथी मानी जाती है जो तकरीबन 100 साल से इन्हें बनाती आ रही है. चलिए आज इस बैंड-ऐड के इतिहास से जुड़े कुछ फ़न फ़ैक्ट्स पर भी एक नज़र डाल लेते हैं.
1. 1500 ई.पू.

प्राचीन काल में मिश्र के लोग घाव को ठीक करने के लिए शहद लगाते थे. क्योंकि उसमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं.
2. 460 ई.पू.

यूनानी चिकित्सक Hippocrates घाव को सिरके से धोकर उस पर पट्टी बांध देते थे, ताकि घाव में कोई इंफ़ेक्शन न हो.
3. पहली शताब्दी

रोम के चिकित्सक पुदीना, केसर, चांदी आदि को मिलाकर एक पेस्ट बनाते थे. इसे वो घाव को ठीक होने के लिए लगा देते थे. ये रोगाणुरोधक होता था.
4. 1860 का दशक

चिकित्सक Joseph Lister ने सर्जिकल बैंडेज को कार्बोलिक एसिड में डुबोकर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. इससे घाव जल्दी ठीक होते थे और संक्रमण का ख़तरा भी कम होता था.
5. 1887

1886 में Robert Wood Johnson ने अपने दोनों भाई James Wood Johnson और Edward Mead Johnson के साथ मिलकर एक नई बैंड ऐड बनाई. इसका नाम उन्होंने Johnson & Johnson रखा. ये Lister की बैंड ऐड की तरह ही काम करती थी. बाद में इसे भारी मात्रा में बनाया जाने लगा.
6. 1888

Johnson & Johnson ने इस साल पहली कमर्शियल फ़र्स्ट एड किट बनाई. ये रेल कर्मचारियों के लिए थी. बाद में इसे आम लोगों के लिए मार्केट में उतार दिया गया.
7. 1920

एक कपास के व्यापारी Earle Dickson ने पहली चिपकाई जा सकने वाली बैंडेज बनाई. उन्होंने इसके बारे में अपने एक दोस्त को बताया और उन्होंने James Wood Johnson को. इस तरह BAND-AID का आविष्कार हुआ.
8. 1921

ये वो साल था जब BAND-AID को मार्केट में उतारा गया. पहली बैंडेज जो बनी वो 3 इंच चौड़ी और 18 इंच लंबी थी.
9. 1924

इस साल Johnson & Johnson कंपनी ने बैंड-ऐड बनाने के लिए कारखाने में मशीनें लगाईं. इस तरह बैंड-ऐड का प्रोडक्शन बढ़ गया. ये 3 इंच की थी और इसे कैंची से काटना नहीं पड़ा था.
10. 1926

पहले Johnson & Johnson की बैंड-ऐड लकड़ी के बॉक्स में आती थी. इस साल से कंपनी ने इन्हें टिन के बॉक्स में पैक कर बेचना शुरू कर दिया था.
11. 1942

दूसरे विश्व युद्ध में भारी मात्रा में बैंड-ऐड भेजी गईं. ताकि घायल सैनिकों को जल्द से जल्द राहत मिल सके. इसके लिए स्पेशल पैकेज भी बनाए गए थे.
12. 1950

Little Golden Books ने Doctor Dan The Bandage Man की स्टोरी पब्लिश की थी. ये एक तरह का विज्ञापन था, जिसमें एक बच्चा चोट लगने पर घाव पर बैंड-ऐड लगाता था.
13. 1956

Stars‘n Strips नाम की नई बैंड-ऐड मार्केट में आई थी इस साल. इस पर अलग चीज़ों के टैटू होते थे. ये लोगों के बीच काफ़ी हिट हुई थी.
14. 1968

बैंड-ऐड इस साल चांद तक पहुंची. दरअसल, Apollo 11 मिशन की फ़र्स्ट एड किट में कंपनी की बैंड-ऐड भी थी. इस तरह ये भी उनके यान के साथ चांद पर पहुंची.
15. 1997

इस साल पहली बार Antibiotic ऑइंटमेंट वाली बैंड-ऐड लॉन्च हुई थी. इस प्रकार की ये पहली बैंडेज थी, जो संक्रमण और धूल-मिट्टी से घाव को बचाती थी.
16. 2002

Liquid बैंड-ऐड की शुरूआत हुई इस वर्ष. इसे बस घाव पर लगाना होता था. इसका मरहम घाव पर चिपक जाता और धूल-कीटाणुओं से उसकी रक्षा करता.
17. 2012

Quilt पैडिंग वाली नई बैंड-ऐड इस वर्ष लॉन्च हुई. इसमें रूई लगी होती थी जो घाव से रक्त को सोख कर उसे जल्दी ठीक होने में मदद करती थी.
18. 2017

Skin-Flex नाम की बैंड-ऐड मार्केट में इस साल उतारी गई. ये ट्रांस्पेरेंट है और स्किन से मैच हो जाती है. ताकि लोगों को ये एहसास ही न हो कि उन्हें चोट लगी है. ये 24 घंटे तक चलती और हाथ धोने पर भी नहीं उतरती है.
बैंडेज का ये इतिहास पता था आपको?