Giani Ice Cream(ज्ञानी आइसक्रीम) दिल्ली वालों के लिए सिर्फ़ एक Icecream नहीं, बल्कि एक इमोशन है. अब तो इस टेस्टी आइसक्रीम का स्वाद पूरा देश चख रहा है. देशभर में इसके 100 से अधिक आउटलेट्स खुल चुके हैं. करोड़ों का बिज़नेस करते हैं Giani आइसक्रीम वाले.

इस आइसक्रीम की तरह ही इसका इतिहास भी बड़ा ही दिलचस्प है जो जुड़ा है देश के बंटवारे से. चलिए आज जानते हैं हम सबकी चहेती आइसक्रीम Giani की शुरुआत कैसे हुई थी.

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एक रिफ़्यूजी ने की थी शुरुआत

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Giani Ice Cream की शुरुआत पाकिस्तान से भारत आए एक रिफ़्यूजी ने की थी. इनका नाम है ज्ञानी गुरचरण सिंह. बंटवारे से पहले पाकिस्तान में इनकी एक फ़ेमस मिठाई की दुकान थी. पार्टीशियन के बाद वो दिल्ली चले आए यहां एक रिफ़्यूजी कैंप में कुछ वक़्त गुज़ारा. इसके बाद वो फतेहपुरी चांदनी चौक चले आए. 

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ज्ञानी दी हट्टी

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1951 में उन्होंने कुछ पैसों की मदद से लोगों को रबड़ी फालूदा, मैंगो शेक और पाइन एप्पल शेक बनाकर खिलाने लगे. लोगों को उनके हाथ का स्वाद पसंद आया और उन्होंने कुछ समय बाद एक छोटी-सी दुकान किराए पर ले ली. ज्ञानी गुरचरण सिंह ने 1956 में इस दुकान की शुरुआत की और नाम रखा ‘ज्ञानी दी हट्टी’. वो हाथ से मिठाई, रबड़ी-फालूदा और शेक बनाते थे, जिन्हें खाने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे. इनका टेस्ट लाजवाब था और दाम वाजिब. 

पुराने फ़्रिज़र में बनाना शुरू किया था आइसक्रीम

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आम आदमी भी इन्हें आराम से ख़रीद कर खा सकता था. इनके पोते तरणजीत ज्ञानी बताते हैं कि उनके हाथ की मिठाई राजकपूर और मोहम्मद रफ़ी जैसे सेलेब्स ने भी खाई है. 1970 में ज्ञानी गुरचरण सिंह के बेटे गुरबचन ने उनका बिज़नेस जॉइन कर लिया. इसके बाद वो एक पुराना फ़्रिज़र ले आए और हाथ से आइसक्रीम बनाकर बेचने लगे. आइसक्रीम का स्वाद भी ग़ज़ब था, तो इसे बनाने के लिए अब उन्होंने कुछ मशीनें भी ख़रीदनी पड़ी.

ज्ञानी आइसक्रीम का पहला आउटलेट

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90 के दशक में उनके पोते तरणजीत ज्ञानी ने नई सोच के साथ इस फ़ैमिली बिज़नेस को जॉइन किया. उन्होंने सोचा क्यों न उनके द्वारा बनाए जा रही सभी आइसक्रीम को बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाया जाए. इसी सोच के साथ उन्होंने दिल्ली के राजौरी गार्डन में ज्ञानी आइसक्रीम का पहला आउटलेट खोला. ये रिहायशी इलाका था तो मिडिल क्लास फ़ैमिली के बीच भी इनके हाथों के स्वाद ने उनके दिलों में जगह बना ली.

इस आइसक्रीम ने दिया था कॉम्पिटिशन

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ऐसा नहीं है कि इस बीच उन्हें किसी तरह का कोई कॉम्पिटिशन नहीं मिला. उन्हें Nirula’s आइसक्रीम से तगड़ा कॉम्पिटिशन मिलता था. मगर Giani Ice Cream ने हमेशा अपनी आइसक्रीम के साथ एक्सपेरिमेंट किया और उसमें नए-नए स्वाद जोड़ने लगे. उनकी यही बात लोगों को पसंद आई. इसके चलते उनकी आइसक्रीम लोगों के बीच हिट होने लगी. धीरे-धीरे कर के उन्होंने दिल्ली में ही नहीं पूरे देश में Giani Ice Cream के आउटलेट्स खोल दिए.

मार्केट में अब Giani Special Ice Cream के 100 से अधिक फ़्लेवर्स उपलब्ध हैं. इनमें Hot Chocolate Fudge, Belgian Chocolate, Black Forest, कुल्फ़ी और केक भी शामिल हैं. पारंपरिक ग्राहक यहां कभी भी ज्ञानी स्पेशल फालूदा, शेक और गाजर का हलवा खा सकते हैं. इनका हर साल का करोड़ों का टर्नओवर है. 60-70 साल पहले तरणजीत के दादा जी ने जो पौधा बोया था उसे उनके परिवार वालों ने आज एक बहुत बड़े पेड़ में तब्दील कर दिया है. अब उनका इरादा इस बिज़नेस को पूरे भारत में फैलाने का है.

थैंक्यू, ज्ञानी आइसक्रीम हमारी पार्टियों की शान बढ़ाने के लिए.