वड़ा पाव मुंबइकर्स का फ़ेवरेट फ़ास्ट फ़ूड है. महाराष्ट्र की हर गली-नुक्कड़ पर आपको वड़ा पाव के स्टॉल दिखाई दे जाएंगे. आम लोग से लेकर सेलिब्रिटिज़ तक को पसंद है वड़ा पाव. अब तो इसका नाम मुंबई के पर्यायवाची के रूप में भी लिया जाने लगा है.

वड़ा पाव को आलू और बेसन से बनाया जाता है. आलू से बने वड़ा को पाव(ब्रेड) के बीच रखकर मिर्च और लहसुन से बनी तीखी चटनी के साथ परोसा जाता है. इसका स्वाद बहुत यम्मी होता है. आइए आज आपको बताते हैं कि कैसे वड़ा पाव आमची मुंबई का फ़ेवरेट फ़ास्ट फ़ूड बना.

वड़ा पाव जितना टेस्टी है उतनी ही जल्दी ये तैयार हो जाता है. मुंबई के लोग इसे एक स्नैक के रूप में इस्तेमाल करते हैं. वैसे भी मुंबई की भागदौड़ वाली लाइफ़स्टाइल में एक किफ़ायती स्नैक की बहुत ज़रूरत थी, जिसे लोग कभी भी आराम से अपना काम करते हुए इंजॉय कर सकें. इसकी कमी पूरी की वड़ा पाव ने.

वड़ा पाव की खोज महाराष्ट्र की राजनैतिक पार्टी शिवसेना के एक वर्कर ने की थी. इनका नाम था अशोक वैद्य. 1966 में पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से एक अपील की थी. इसके मुताबिक, उन्होंने अपने लोगों से आग्रह किया था कि वो पार्टी के साथ ही अपने घर को चलाने में भी हाथ बटाएं.

इससे प्रेरित होकर अशोक वैद्य ने दादर रेलवे स्टेशन के बाहर वड़ा बेचना शुरू कर दिया. पहले वो सिर्फ़ बेसन और आलू से बना वड़ा बेचते थे. फिर उन्होंने इसके साथ कुछ नया करने के बारे में सोचा. उन्होंने पास की दुकान से पाव लिए और उसके बीच में आलू वड़ा को रख दिया. इसके साथ सर्व करने के लिए उन्होंने मिर्च, लहसुन, नारियल, और मुंगफली से बनी एक तीखी चटनी भी तैयार की.

इस नई डिश वड़ा पाव का स्वाद लोगों को बहुत पसंद आया. इसके बाद तो पूरी मुंबई में ये फ़ेमस हो गया. अब तो पूरे देश में वड़ा पाव का स्वाद आप कहीं भी चख सकते हैं. वड़ा पाव वैसे तो एक इंडियन डिश है, लेकिन इसके दो महत्वपूर्ण हिस्से पाव और आलू भारतीय नहीं हैं.

इन दोनों को ही पुर्तगाली यूरोप से भारत लेकर आए थे. हां, बेसन से बनने वाला वड़ा ज़रूर भारतीय है. 90 के दशक में McDonald’s के बर्गर ने इसे टक्कर देने की कोशिश की थी. लेकिन वो भी कभी मुंबईकर्स की पहली पसंद नहीं बन पाया. वड़ा पाव की इसी ख़ूबी का फ़ायदा उठाते हुए वहां पर एक व्यापारी ने जंबो किंग नाम की वड़ा पाव चेन की शुरुआत कर दी. उनका बनाया वड़ा पाव आज McDonald’s के बर्गर को टक्कर दे रहा है.

समय के साथ वड़ा पाव में भी बदलाव हुए हैं. अब तो सेज़वान वड़ा पाव, नाचो वड़ा पाव जैसे इसके नए रूप भी लोगों को पसंद आ रहे हैं. कहते हैं कि जो मुंबई जाता है वो एक बार इसका स्वाद ज़रूर चखता है और जो नहीं चखता उसकी मुंबई यात्रा अधूरी ही मानी जाती है.
अगली बार आप मुंबई जाना तो वहां का वड़ा पाव खाना न भूलना.
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