History Of Watermelon: गर्मियां शुरू हो गई हैं और लाल-लाल, ठंडा-ठंडा तरबूज़ आने लगा है. तरबूज़ गर्मी से राहत दिलाने के साथ-साथ डिहाइड्रेशन से भी बचाता है. इससे चिलचिलाती गर्मी में राहत मिलती है. दुनिया में कोई इमारत हो, जगह हो, खाना हो सबका अपना इतिहास है ऐसे ही तरबूज़ का भी अपना एक अनोखा इतिहास है, जो इसकी पैदावार से जुड़ा है. इसीलिए जानते हैं कि आख़िर ये तरबूज़ पहली बार कब और कहां उगाया गया और इसकी उत्पत्ति हुई कैसे?
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तरबूज़ की उत्पत्ति प्राचीन मेसोपोटामिया (Mesopotamia), जो अब इराक़ के नाम से जाना जाता है उसकी उपजाऊ धरती पर हुई थी. Ludwig Maximilian University Of Munich की वनस्पति विज्ञानी Susanne Renner और उनकी टीम ने Citrullus Lanatus नाम के घरेलू तरबूज़ों की जेनेटिक सिक्वेसिंग करने के बाद Live Science बताया कि,
घरेलू तरबूज़ों और सूडानी जंगली तरबूज़ों के जीनोम काफ़ी मिलते-जुलते हैं. सूडानी तरबूज़ सफ़ेद होते हैं और ये कम मीठे होते हैं. इन तरबूज़ों का इस्तेमाल जानवरों के खाने के लिए किया जाता है. Proceedings of the National Academy of Sciences की एक रिसर्च के अनुसार, सूडानी तरबूज़ को इराक़ी तरबूज़ का पूर्वज माना गया है.
तरबूज़ के लाल रंग को लेकर रेनर को पूरी तरह से तो नहीं पता, लेकिन उन्होंने फिर भी इसका जवाब दिया,
पुराने समय में किसीनों ने मीठे तरबूज़ के बीज उगाए होंगे इसलिए पीढ़ी दर पीढ़ी तरबूज़ मीठा होता गया और अगर लाल रंग की बात की जाए तो ये भौगोलिक परिस्थितियां के चलते हो सकता है.
इसके अलावा, तरबूज़ के रंग को लेकर रेनर ने कहा कि,
इसकी एक और वजह ये है कि 3300 साल पहले मिस्र के राजा तूतनखामून (King Tutankhamun) को तरबूज़ के बीजों के साथ दफ़नाया गया था शायद ये इसके रंग और मिठास की ये वजह हो सकती है, लेकिन ये कोई पुख़्ता वजह नहीं है.
साथ ही तरबूज़ की उत्पत्ति को लेकर रेनर ने एक और ख़ुलासा करते हुए बताया कि,
एक दिन मैंने मिस्र की एक प्राचीन गुंबद पर क़रीब 4300 साल पुरानी पेंटिंग देखी, जिसमें एक तरबूज़ प्लेट में काटकर रखा गया था. इस पेंटिंग को 1912 में खोजा गया था. इसी तस्वीर के अनुसार रेनर ने बताया कि, तरबूज़ की उत्पत्ति मिस्र में हुई होगी.
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सूडान के प्राचीन न्यूबियंस को अक्सर मिस्र साम्राज्य ने अनदेखा किया इसी के चलते हो सकता है कि न्यूबियंस ने तरबूज़ को पहले घरेलू बनाया ताकि वो मिस्रवासियों के साथ व्यापार कर सकें. मगर रेर की रिसर्च के अनुसार, तरबूज़ को सबसे पहले मिस्र में घरेलू किया गया था और उन्होंने इसे ही खाया भी था.