आज कल कब क्या फ़ैशन बन जाये पता ही नहीं चलता. हांलाकि, अगर फ़ैशन की बात की जाये, तो ये हाल सिर्फ़ आज का नहीं है. क्योंकि फ़ैशन का इतिहास कुछ कम ख़तरनाक नहीं था. अगर अब तक आप इसके इतिहास से बेख़र हैं, तो अब इससे रू-ब-रू होने का समय आ गया है.  

देखते हैं पहले के समय में फ़ैशन के नाम पर क्या-क्या चलता था: 

1. गहने  

एक समय में बर्मा के कायन लोग लंबी गर्दन के दीवाने थे. वहां लंबी गर्दन को ख़ूबसूरती का रूप समझा जाता है. इसलिये अधिकतर महिलाएं लंबी गर्दन के लिये गले में छल्ला पहनती थीं.  

2. पेटीकोट 

19वीं सदी के आस-पास की बात है. यूरोपियन महिलायें अपनी स्कर्ट को सुरक्षित रखने के लिये इस तरह का जाल वाला पेटिकोट पहनती थी. 

3. चोपीन 

इस दौर में ज़्यादातर लड़कियां और महिलायें Platform Heels पहनना पसंद करती हैं. हांलाकि, अगर इसके इतिहास पर नज़र डालें, तो पहले ये चोपीन थी. चोपीन का चलन 16वीं शताब्दी में स्पेन और इटली से शुरू हुआ था, जिसका उपयोग लंबा दिखने के लिये किया जाता था.  

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4. होबल स्कर्ट 

होबल स्कर्ट बनाने का श्रेय फ़्रांस के डिज़ाइनर पॉल पॉइरेट का था. इस स्कर्ट के नीचे रस्सियां लगी होती थी, जिसे पहन कर चलना महिलाओं के लिये मुश्किल टास्क होता था.  

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5. फु़ट-बाइंडिंग 

चीन के सम्राट ली यू की पत्नी याओ-नियांग ने अपने पैरों को चांद्रमा के आकार में बांध कर नृत्य किया था. ये नृत्य उन्होंने सम्राट के सामने अंगूठे के सहारे किया था. याओ-नियांग का डांस देखने के बाद सम्राट की दूसरी पत्नियों ने भी उन्हें ख़ुश करने के लिये फु़ट-बाइंडिंग की. 

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6. क्रिनोलाइन 

19वीं शताब्दी के मध्य में क्रिनोलाइन यानि हूप स्कर्ट का फ़ैशन था. ये स्कर्ट बड़ी और घुमावदार होती थी, जिन्हें गोल बनाये रखने के लिये अंदर स्टील या लकड़ी के हूप लगाये जाते थे. इसे पहनना किसी जंग जीतने के समान था. 

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7. लेड और आर्सेनिक मेकअप 

16वीं शताब्दी के आस-पास मेकअप करने वाली महिलाओं को निचले स्तर का समझा जाता था. इस दौरान मार्केट में कुछ नये ब्यूटी प्रोडेक्ट्स आये, जिसमें आर्सेनिक जैसे घातक तत्वों का यूज़ किया जाता था. ये प्रोडेक्ट्स हेल्थ और स्किन दोनों के लिये हानिकारक थे. पर फिर महारानी एलिज़ाबेथ फ़र्स्ट ने अपने चेहरे के दाग़-धब्बों को मिटाने के लिये इसका यूज़ किया. इसके बाद बाकि महिलाओं ने भी इसे लगाना शुरू कर दिया.  

8. ओहागुरो 

एक समय में जापान में काले दांतों का चलन था. दांतों के इस फ़ैशन ट्रेंड को ओहागुरो कहा जाता था. इस ट्रेंड के चलते महिलाएं आयरन से बना काला रस पी जाती थीं.  

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शुक्र है उस समय हम नहीं थे, वरना पता नहीं क्या होता.  

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