सुबह सूरज के निकलने और शाम को डूबने से हमें दिन-रात का पता चलता है. मगर उस देश का क्या, जहां सूरज ढलता ही नहीं. अरे हैरान मत हो, ऐसा सच में है. हम बात कर रहे हैं आइसलैंड की, जहां पर साल के कुछ महीने ऐसे होते हैं, जब सूरज डूबता ही नहीं. ये बात वहां के लोगों के लिए बहुत ही सामान्य बात है.

आइसलैंड उत्तरी अमेरिका और यूरोप के बीच बसा एक देश है. इस द्विपीय देश का क्षेत्रफल लगभग 103,000 वर्ग किलोमीटर है. यहां की आबादी क़रीब 4 लाख है. यहां पर मई से जुलाई के बीच 24 घंटे सूरज उदय ही रहता है.
ऐसा क्यों होता है?

ऐसा क्यों होता है इसके पीछे भी एक कारण है. आइसलैंड उत्तरी ध्रुव के पास मौजूद है. जैसा कि आप सभी को पता है पृथ्वी का अक्ष केंद्रित न होकर थोड़ा झुका हुआ है. इसलिए उत्तरी ध्रुव के पास मौजूद जगहों पर सूरज पूरी तरह नहीं डूब पाता या यूं कहें कहिए कि सूरज कभी क्षितिज से नीचे जाता ही नहीं. इसलिए वहां पर 24 घंटे सूरज निकला रहता है. इस प्रक्रिया को Midnight Sun कहा जाता है.

ऐसा गर्मियों में मई से जुलाई तक होता है. पर ऐसा भी नहीं है कि वहां रात को सूरज एकदम दहकता हो, या बहुत गर्मी पड़ती हो. रात में ये सूर्य की रौशनी रहती है, लेकिन कुछ मद्धम. 24 घंटे सूरज की रोशनी में रहना कैसा होता है, इसका अनुभव करने के लिए सैलानी यहां पर दूर-दूर से आते हैं.

इसका सबसे बड़ा नकारात्मक पहलू ये है कि गर्मियों में आइसलैंड जाने वाले पर्यटक नॉर्दन लाइट्स नहीं देख पाएंगे. इसके लिए आपको सर्दियों में वहां जाना ठीक रहेगा. झरने, पहाड़, वाइल्ड लाइफ़, नदियां, बर्फ़बारी का आनंद लेने के लिए यहां हर साल लाखों सैलानी आते हैं.
अगर आपको भी 24 घंटे सूरज की रौशनी में रहने का अनुभव करना है, तो कभी गर्मियों में आइसलैंड जाने का प्लान बनाना. हालांकि वहां जाने के लिए पहले थोड़ी सेविंग भी कर लेना.
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