भारत हमेशा से ही अपने लज़ीज़ व्यंजनों के लिए दुनियाभर में मशहूर है. हम भारतीयों के कई ऐसे व्यंजन हैं जिनकी रेसिपी हज़ारों साल पुरानी है. मगर ये आज भी लोगों के मुंह का स्वाद चुटकी में बदल देते हैं. आज हम आपके लिए भारत के इन्हीं मशहूर व्यंजनों से जुड़े कुछ रोचक किस्से लेकर आये हैं. 

क्या आप भी जानना चाहते हैं कि क्या है इन व्यंजनों के पीछे का इतिहास और इनकी असल सच्चाई?

1- बॉम्बे डक फ़्राई

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जिस ‘बॉम्बे डक फ़्राई’ को आप बड़े चाव से खाते हैं दरअसल, वो डक से नहीं बल्कि मछली से बनी होती है.

2. पाव भाजी

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हम ‘पाव भाजी’ को भारतीय व्यंजन समझते हैं. मगर ये एक अमेरिकन फ़ूड है. अमेरिका में गृहयुद्ध के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया था.

3. धानसाक

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धानसाक एक पारसी डिश है. ‘धान’ का मतलब अनाज या फलियां और ‘साक’ एक गुजराती शब्द है जिसका अर्थ है पकी हुई सब्ज़ियां. धानसाक को शोक व्यंजन के तौर पर जानते हैं, जिसे किसी भी शुभ अवसर पर नहीं खाया जाता.

4. पानी-पुरी

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ऐसा कहा जाता है कि ‘पानीपुरी’ का संबंध महाभारत से है. कुंती ने जब अपनी बहू द्रौपदी को 5 पतियों में से किसी एक को खाना खिलाने के लिए उसे थोड़ा सा आटा और कुछ आलू दिए तो द्रौपदी उलझन में पड़ गयीं. लेकिन द्रौपदी ने बेहद चतुराई से उस आटे से छोटी-छोटी पूरियां बनाईं और उसके अंदर आलू व मसालेदार पानी भरकर अपने पांचों पतियों की भूख मिटाई.

5. परांठे

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शायद ही ऐसा कोई हो जिसे परांठे पसंद न हों. दरअसल, परांठा ‘परत और आटा’ का एक मिश्रण होता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है पके हुए आटे की परतें.

6. आलू का इतिहास

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जिस आलू को हम हर सब्ज़ी के साथ मिक्स कर लेते हैं, वो भारत में 500 साल पहले पहला आया था.

7. अमृतसरी कुल्चा

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अमृतसरी कुल्चा तो खाया ही होगा. अमृतसरी कुल्चा बनाने के लिए आटा गूंदने के बाद इसकी सात परतें बनाई जाती हैं. जिसमें मैदा भी मिक्स किया जाता है. इसके बाद उसके अन्दर मनपसंद स्टफ़िंग की जाती है. उसके बार उसे तंदूर के अंदर रोल करके पकाया जाता है.

8. टमाटर का इतिहास

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क्या आप जानते हैं 18वीं शताब्दी के मध्य तक भारतीयों को टमाटर जहरीला लगता था.

9. चटपटी चाट

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‘चाट’ शब्द सुनते ही किसी चटपटी चीज़ का एहसास होने लगता है. चाट जिसे दही, चटनी व टैंगी और चटपटे मसाले से बनाया जाता है. इस ‘चाट’ शब्द ‘चटनी’ से ही बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ चाटने से है.

10. मीठी दाल

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गुजराती लोग अपने खाने में थोड़ी सी चीनी या गुड़ इसलिए मिलाते हैं ताकि नमकीन पानी के स्वाद को कम किया जा सके.

11. मोदक यानि लड्डू

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भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई मोदक यानि कि लड्डू का उल्लेख महाभारत में ‘मोदक’ के रूप में मिलता है. इसका उल्लेख तमिल साहित्य में ‘मूदगम के रूप में किया गया है.

12. कड़ा प्रसाद

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अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का प्रसिद्ध ‘कड़ा प्रसाद’ की विशेषता ये है कि इसे आटा, घी और चीनी के मिश्रण को 1:1 अनुपात में मिलाकर बनाया जाता है.

13. बिरयानी

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कहा जाता है कि बिरयानी पर्सिया से भारत आई थी. जबकि कुछ कहानियों में दावा किया गया है कि पहली बार मुमताज महल ने मुगल सैनिकों को खिलाने के बिरयानी बनाई थी. बिरयानी का मतलब होता है जिसे पकाने से पहले फ़्राई किया जाए.

14. राजस्थानी घेवर

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कुछ जानकारों का मानना है कि जयपुर का मशहूर घेवर फारसी वास्तुकला से प्रेरित है. जबकि कुछ का कहना है कि ये जयपुर की ही देन है. एक तथ्य ये भी है कि घेवर आयुर्वेद से जुड़ा है. तथ्य कितने ही क्यों न हों सच तो ये है कि घेवर बहुत स्वादिष्ट होता है.

15. राज कचौरी

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राजस्थान में राज कचौरी ख़ासतौर पर शरीर को तरोताज़ा करने के लिए खाई जाती है. क्योंकि इसमें सौंफ और दहिंया मिलाया जाता है, जो राजस्थान में पड़ने वाली तेज़ गर्मी से राहत पहुंचाती है.

16. बटर चिकन

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पहले बटर चिकन आया था या क़बाब? सीधा सा जबाब है क़बाब. क्योंकि जब क़बाब बेहद पॉपुलर हो चुके थे उसके बाद ही बटर चिकन की शुरुआत हुई.

17. काठी रोल

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कोलकाता के प्रसिद्ध काठी रोल यानि कि काठी रोल का संबंध ‘काटी रोल’ से है. क्योंकि इनके अंदर ‘काटी कबाब’ भरा होता है.

18. प्याज का किस्सा

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प्याज के बिना हम भारतीयों का खाना अधूरा माना जाता है. लेकिन एक वक़्त ऐसा भी था जब किसी ने ग़लती से भी प्याज खा लिया तो उसे गांव से निकाल दिया जाता था.

19. रसगुल्ले

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भारत में पहली बार ‘रसगुल्ले’ बनाने का श्रेय नोबिन चंद्र दास को जाता है. नोबिन साल 1868 में रसगुल्ले लोगों के बीच लाये थे.

20. डोसा

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फ़ूड एक्सपर्ट्स का कहना है कि तमिलनाडु का डोसा एक समय में छोटे और फ़्लफ़ी पेनकेक्स की तरह होता था. लेकिन समय के साथ कई बलदावों के बाद आज इसे कर्नाटक या उडुपी का लोकप्रिय व्यंजन माना जाता है.

21. इंडो-चाइनीज़ व्यंजन

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इंडो-चाइनीज़ व्यंजनों की शुरुआत लगभग 150 साल पहले कोलकाता में हुई थी, ख़ासकर हक्का नूडल्स की. क्योंकि उस समय नूडल्स को दीर्घायु का प्रतीक माना जाता था.

22. चिक्की का इतिहास

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क्या आप जानते हैं कि महाराष्ट्र के कई शहरों और गांवों में मिलने वाली चिक्की का इतिहास ‘छुक-छुक गाड़ी’ से जुड़ा है?

23. गोवा में पोर्क अनिवार्य

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गोवा में लोगों को पोर्क खाने के लिए Portugese नियम के तहत एक जनादेश के आधार पर अनिवार्य किया गया था. इस नियम के तहत कैथोलिक धर्म में परिवर्तित हुए लोगों को भी पोर्क खाने और घर के पिछले हिस्से में सुअर पालने की इज़ाज़त दी गयी.

24. सबसे बड़ा डोसा

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‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज़ सबसे बड़ा डोसा 54 फ़ीट 8 इंच लंबा था, जिसका वजन 13.69 किलोग्राम था.

25. विंदालू का इतिहास

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क्या आप जानते हैं विंदालू मूल रूप से एक नाविक का व्यंजन हुआ करता था? दरअसल, भारत आने वाले पुर्तगाली नाविकों को भारत पहुंचने में तीन महीने लग जाते थे. इसलिए वो अपने साथ शराब, लहसुन, प्याज और सूखे मीट के साथ-साथ नीला विंदालू भी रखा करते थे.

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