Indian Historical Places Entry Fee: भारत (India) अपने इतिहास और प्राचीन संस्कृति के लिए दुनियाभर में मशहूर है. दुनिया भर से हर लाखों पर्यटक भारत भ्रमण पर आते हैं. इस दौरन विदेशी मेहमान हमारे देश की विभिद्धता को देख हैरान रह जाते हैं. भारत में आज भी कई ऐसी ऐतिहासिक धरोहरें मौजूद हैं जिन्हें देखने भर से ही दिल को सुकून मिलता है. आप में से अधिकतर लोगों ने देश के इन ऐतिहासिक इमारतों का दीदार ज़रूर किया होगा, लेकिन क्या अपने कभी इनकी एंट्री फ़ीस (Indian Historical Places Entry Fee) की रेट लिस्ट पर नज़र दौड़ाई है, कि भारतीयों के लिए एंट्री फ़ीस कितनी होती है और विदेशियों के लिए कितनी. नहीं न! तो चलिए हम बताते हैं. (Indian Historical Places Entry Fee For Indian And Foreigner)
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चलिए जानते हैं इस लिस्ट कौन-कौन सी ऐतिहासिक इमारतें शामिल हैं-
1- ताज महल (उत्तर प्रदेश)
यूपी के आगरा शहर में यमुना नदी के तट पर स्थित ताज महल (Taj Mahal) दुनिया के 7 विश्व धरोहरों में से एक है. इसका निर्माण 1632 मुग़ल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था. हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक ताज महल की खूबसूरती को निहारने को निहारने आते हैं. ताज महल की एंट्री फ़ीस की बात करें तो भारतीयों के लिए 50 रुपये की टिकिट और विदेशियों के लिए 1100 रुपये की टिकिट है.

2- लाल क़िला (दिल्ली)
देश के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में से एक लाल क़िला (Red Fort) का निर्माण 1648 में मुग़ल बादशाह शाहजहां ने किया था. इस ऐतिहासिक क़िले को साल 2007 में युनेस्को ने ‘विश्व धरोहर’ स्थल के तौर पर चुना था. लाल क़िला की एंट्री फ़ीस की बात करें तो भारतीयों के लिए 35 रुपये की टिकिट और विदेशियों के लिए 500 रुपये की टिकिट है.

(Indian Historical Places Entry Fee For Indian And Foreigner)
3- क़ुतुब मीनार (दिल्ली)
सन 1198 में क़ुतुब मीनार (Qutb Minar) बनाने की शुरुआत कुतुब-उद-दीन ऐबक ने की थी. उनकी मौत के बाद सन 1215 में उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसका निर्माण पूरा करवाया था. क़ुतुब मीनार की एंट्री फ़ीस की बात करें तो भारतीयों के लिए 35 रुपये की टिकिट और विदेशियों के लिए 500 रुपये की टिकिट है.

4- हुमायूं का क़िला (दिल्ली)
भारत के ख़ूबसूरत ऐतिहासिक स्मारकों में से एक हुमायूं का क़िला (Humayun’s Tomb) का निर्माण मुग़ल बादशाह हुमायूं की मुख्य पत्नी महारानी बेगा बेगम ने सन 1558 में बनवाया था. हुमायूं का क़िला की एंट्री फ़ीस भारतीयों के लिए 35 रुपये की टिकिट और विदेशियों के लिए 550 रुपये की टिकिट है.

5- हवा महल (जयपुर)
जयपुर का हवा महल (Hawa Mahal) अपनी ख़ूबसूरती और आकर्षक डिज़ाइन के लिए दुनियाभर में मशहूर है. इस ऐतिहासिक स्मारक की स्थापना 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने की थी. हवा महल की एंट्री फ़ीस की बात करें तो भारतीयों के लिए 50 रुपये की टिकिट और विदेशियों के लिए 200 रुपये की टिकिट है.

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6- फतेहपुरी सीकरी (उत्तर प्रदेश)
फतेहपुरी सीकरी (Fatehpur Sikri) का निर्माण मुग़ल सम्राट अकबर ने सन 1569 में करवाया था. ये अकबर के शासनकाल के दौरान फतेहपुर सीकरी मुगल काल की राजधानी हुआ करती थी. ये आज भारत के प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में से एक है. फतेहपुरी सीकरी की एंट्री फ़ीस भारतीयों के लिए 40 रुपये और विदेशियों के लिए 550 रुपये है.

7- खजुराहो के मंदिर (मध्य प्रदेश)
खजुराहो के मंदिरों (Khajuraho Temples) का निर्माण 950 ईसवी से 1050 ईसवी के बीच चंदेल राजाओं द्वारा किया गया था. मंदिरों के निर्माण के बाद चंदेलों ने अपनी राजधानी महोबा स्थानांतरित कर दी. लेकिन इसके बाद भी खजुराहो का महत्व बना रहा. खजुराहो के मंदिरों की एंट्री फ़ीस भारतीयों के लिए 40 रुपये और विदेशियों के लिए 600 रुपये है.

8- विक्टोरिया मेमोरियल (कोलकाता)
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित विक्टोरिया मेमोरियल (Victoria Memorial) एक ब्रिटिश कालीन स्मारक है. सन 1906 से 1921 के बीच निर्मित ये स्मारक इंग्लैंड की तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को समर्पित है. इस स्मारक में विविध शिल्पकलाओं का सुंदर मिश्रण है. इसके अंदर एक शानदार संग्रहालय भी है. विक्टोरिया मेमोरियल की एंट्री फ़ीस भारतीयों के लिए 20 रुपये और विदेशियों के लिए 200 रुपये है.

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9- आमेर क़िला (जयपुर)
अपने राजशाही इतिहास के लिए मशहूर जयपुर में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक क़िले हैं, लेकिन आमेर फ़ोर्ट (Amber Fort) शहर की शान है. इसकी निर्माण 1592 में राजा मान सिंह द्वारा किया गया था और बाद में इसे सवाई जय सिंह द्वारा भी बनाया गया. आमेर क़िला की एंट्री फ़ीस भारतीयों के लिए 100 रुपये और विदेशियों के लिए 550 रुपये है.

10- सांची स्तूप (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले में सांची (सांची स्तूप) में कई प्रसिद्ध बौद्ध स्मारक मौजूद हैं, जो तीसरी शताब्दी ईसा.पूर्व. से बारहवीं शताब्दी के बीच के काल के हैं. सांची स्तूप, मठों, मंदिरों और स्तंभों के लिए जाना जाता है. ये बौद्ध समुदाय का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. सांची स्तूप की एंट्री फ़ीस भारतीयों के लिए 40 रुपये और विदेशियों के लिए 600 रुपये है.

इनमें आप किन-किन ऐतिहासिक स्मारकों का दीदार कर चुके हैं.
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