Places Where Even Indians Need a Special Permit to Visit: अपनी सभ्यता, संस्कृति, धर्म, कला और योग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश भारत अपनी ऐतिहासिक विरासतों के लिए विश्वप्रसिद्ध है. यही कारण है कि यूनेस्को द्वारा भारत की कुल 36 जगहों को वर्ल्ड हैरिटेज की श्रेणी में रखा गया है. यही वजह है कि हर साल दुनियाभर से लाखों पर्यटक भारत भ्रमण पर आते हैं. भारत में वर्ल्ड हैरिटेज के अलावा भी कई ख़ूबसूरत Tourist Places हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कई जगहें ऐसी भी हैं जहां जाने के लिए विदेशियों को ही नहीं, बल्कि भारतीयों को भी परमिट की ज़रूरत पड़ती है. क्यों हो गए न हैरान परेशान?
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आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाने के लिए भारतीयों को भी परमिट की ज़रूरत पड़ती है. बिना परमिट के आपको यहां एंट्री नहीं मिल सकती है. दरअसल, संवेदनशील होने के कारण इन इलाक़ों में स्थानीय लोगों के अलावा कोई भी बिना अनुमति के नहीं जा सकता है. चलिए जानते हैं देश में ऐसी कौन-कौन सी जगहें हैं.
1- अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की सीमाएं म्यांमार, भूटान और चीन से लगती हैं. इसलिए ये इलाक़ा बेहद संवेदनशील माना जाता है. स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी लोगों को यहां आने के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ की ज़रूरत पड़ती है. सिंगल परमिट और ग्रुप परमिट की क़ीमत 100 रुपये प्रति व्यक्ति है. ये परमिट 30 दिनों के लिए वैध रहता है.
2- लक्षद्वीप
लक्षद्वीप (Lakshadweep) जाने के लिए भी परमिट की आवश्यकता होती है. अगर लक्षद्वीप जा रहे हैं तो बाहरी लोगों को पुलिस स्टेशन से क्लीयरेंस सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत होती है. इसके अलावा दस्तावेजों की जांच भी होती है. इस दौरान परमिट मिलने के बाद लक्षद्वीप के ‘स्टेशन हाउस ऑफ़िसर’ को अपना क्लीयरेंस सर्टिफ़िकेट जमा करना होगा.
3- नागालैंड
नागालैंड (Nagaland) म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करता है. इस बॉर्डर इलाक़े में 16 आदिवासी समुदाय रहते हैं. यहां के आदिवासी समुदायों की अपनी अलग भाषा, रीति-रिवाज़ और खान-पान है. नागालैंड-म्यांमार के बॉर्डर इलाक़े के लिए भी बाहरी लोगों को ‘इनर लाइन परमिट’ की आवश्यकता होती है.
4- लद्दाख
लद्दाख (Ladakh) में कई जगहें ऐसी हैं जहां पर घूमने के लिए परमिट की आवश्यकता पड़ती है. लद्दाख की सीमा चीन और पाकिस्तान से लगती है इस वजह से इसे बेहद संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. ‘पैंगोंग’, ‘खारदुंगला दर्रा’ और ‘नुब्रा घाटी’ जैसी जगहों पर जाने के लिए आपको एक विशेष परमिट की आवश्यकता होती है.
5- मणिपुर
भारतीयों को मणिपुर (Manipur) जाने के लिए भी परमिट की आवश्यकता होती है. यहां के कुछ इलाक़ों में घूमने के लिए साथ में पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो और अपना वैध आईडी कार्ड ले जाना पड़ता है. हालांकि, ये हर समय के लिए मेंडेटरी नहीं है.
6- सिक्किम
सिक्किम (Sikkim) के कुछ संरक्षित इलाक़ों में घूमने के लिए भी ‘इनर लाइन परमिट’ की ज़रूरत पड़ती है. पर्यटकों को ‘नाथुला दर्रा’, ‘त्सोमगो-बाबा मंदिर यात्रा’, ‘जोंगरी ट्रेक’, ‘सिंगलिला ट्रेक’, ‘युमेसमडोंग’, ‘गुरुडोंगमार लेक ट्रिप’, ‘युमथांग और ‘ज़ीरो पॉइंट ट्रिप’ और ‘थंगू-चोपता वैली’ की ट्रिप के लिए परमिट की आवश्यकता होगी. ये परमिट ‘पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग’ द्वारा जारी किया जाता है.
7- मिज़ोरम
भारत का 5वां सबसे छोटा राज्य मिज़ोरम (Mizoram) की एक विविध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है. इस राज्य पर्यटन की दृष्टि से उतना सुविधाजनक नहीं है. ये बांग्लादेश और म्यांमार के बीच में स्थित है. मिज़ोरम की यात्रा करने के लिए भी इनर लाइन अनुमति की आवश्यकता होती है. ये दो प्रकार का अस्थायी परमिट होता है एक 15 दिन के लिए तो दूसरा 6 महीने के लिए वैध होता है.
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