सेक्स… जो करते हैं वो बात नहीं करना चाहते, और जो बात करते हैं, उन्हें बात करने के लिए ताने सुनने पड़ते हैं. जिस देश ने पूरी दुनिया को प्रणय संबंधों के बारे में बताया, वहां आप सेक्स बोल कर तो देखिये. कम से कम 10 जोड़ी घूरती निगाहें आपको असहज महसूस करवाएंगी.

शायद इसीलिये लोगों को कॉन्डोम खरीदने में भी शर्म महसूस होती है. वैसे सुप्रीम कोर्ट के अनुसार देश में सेक्स की लीगल उम्र 16 साल है. मतलब ये क़ानून की नज़रों में अपराध नहीं है. हां, संस्कृति के ठेकेदारों को इससे ख़ासी परेशानी होती है.

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लोग शर्म के कारण Condom नहीं खरीद पाते और आंकड़ों के अनुसार भारत में सिर्फ़ 5% लोग ही इस Contraceptive Method का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन जैसे ही Condom ऑनलाइन मिलने लगा, मात्र 69 दिन के अंदर 10 लाख Condoms बिक गए!

28 अप्रैल को AIDS Healthcare Foundation ने Free Condom Store लॉन्च किया था, तब से अब तक आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं. Foundation द्वारा लॉन्च किए गए डेटा के अनुसार, 9.56 लाख मुफ़्त Condom डिलीवर किए गए, 5.14 लाख Condom NGO और Communities को दिए गए और बचे 4.41 लाख Condom लोगों ने ऑर्डर किये.

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विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शर्म और झिझक के कारण स्टोर्स पर जाकर Condom नहीं खरीदते.

इतनी झिझक ड्रग्स, दारू और हथियार खरीदने में नहीं होती है हम को. लेकिन Condom खरीदना ज़्यादा शर्म की बात है. ग़लती सिर्फ़ खरीददार की ही नहीं है, उन्हें ऐसे घूरा ही जाता है कि बेचारे शर्म से गड़ जाते हैं. चाहे शादीशुदा हो या न हो लेकिन समाज में कुछ ऐसी बातें हैं, जिससे हम दूसरों को बड़ी सहजता से असहज महसूस करवा देते हैं.