हमारे देश में लोग खाने-पीने के कुछ ज़्यादा ही शौक़ीन होते हैं. आज भी गांवों में किसी के घर जाने पर अगर आप उनके घर से बिना खाना खाये लौट आते हैं, तो लोग बुरा मान जाते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/10/5811fc9619867e215558ebe2_687133885.jpeg)
देश के सभी राज्यों, सम्प्रदायों में आपको खाने की वैरायटी देखने को मिलेगी. इसी खान-पान में बीतें कुछ सालों में काफ़ी डिफ़रेंस आ गया है. जिसकी कीमत हमें अनेक बीमारियां झेल कर चुकानी पड़ रही हैं. एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि भारतीय WHO द्वारा निर्धारित की गई मात्रा से डबल मात्रा में नमक खा रहे हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/10/5811fc9619867e215558ebe2_966356828.jpg)
WHO ने एक व्यक्ति द्वारा एक दिन में केवल 5 ग्राम नमक खाने की मात्रा को सबसे सही माना है. कोई इंसान इससे ज़्यादा मात्रा में एक दिन में लम्बे समय तक नमक खाता है, तो उसे आगे चल कर कार्डियो वैस्कुलर डिज़ीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/10/5811fc9619867e215558ebe2_65964731.jpg)
‘George Institute for Global Health’ के रिसर्चर ने पूरे देश के 2,27,000 लोगों को इस सर्वे में शामिल किया. इनके शोध में निकल कर आया कि हमारे देश में एक व्यक्ति दिन में औसतन 10.98 ग्राम नमक खाता है.
इस सर्वे में क्वांटिटेटिव स्टैटिस्टिकल एनालिसिस मेथड का प्रयोग किया गया था. इस शोध से यह भी पता चला कि दक्षिण और पूर्वी भारत में ज़्यादा मात्रा में नमक खाया जाता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/10/5811fc9619867e215558ebe2_972891283.jpg)
इस सर्वे के अनुसार हमारे देश में त्रिपुरा राज्य में सबसे ज़्यादा नमक खाया जाता है. त्रिपुरा में एक व्यक्ति औसतन एक दिन में 14 ग्राम नमक खा जाता है. नमक खाने में देश के ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में ज़्यादा फर्क नहीं है. हमारे यहां नमक के ज़्यादा कंज्यूम होने के सबसे बड़े कारणों में से एक है, हमारे खाने में अचार की अधिकता. अधिकतर भारतीय अपने खाने में अचार का काफ़ी मात्रा में सेवन करते हैं. इसमें काफ़ी अधिक मात्रा में नमक पाया जाता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/10/5811fc9619867e215558ebe2_30635605.jpg)
शोध को लीड करने वाले ‘Claire Johnson’ का कहना है, पिछले 30 सालों में एक सामान्य भारतीय की डाईट काफ़ी बदल गई है. लोगों ने सब्जियों और फलों का खाने में प्रयोग काफ़ी कम कर दिया है. ज़्यादातर लोग फ़ास्ट फ़ूड और पैक्ड फ़ूड की तरफ़ बढ़ रहे हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/10/5811fc9619867e215558ebe2_751651558.jpg)
George Institute for Global Health के ही ‘Vivek Jha’ का कहना है कि 2025 तक WHO का नमक के उपयोग में 30% तक की कमी लाने का टारगेट है. हमें देश में लोगों को अधिक नमक के प्रयोग से बचने के लिए बताना होगा, ताकि लोग बिमारियों से बच सकें.
बदलते दौर ने हमारी ज़िन्दगी की सभी चीज़ों को बदल डाला है. यह बदलाव कब हमारे खान-पान में भी आ गया, हमें पता ही नहीं चला. अगली बार मार्केट जाने पर गोद में बैठा छोटा मुन्ना चिप्स या स्नैक्स मांगने लगे, तो इस बारे में सोचना ज़रुर. वैसे भी इलाज़ से बचाव ज़्यादा बेहतर होता है.