सीधे पॉइंट पर आते हैं और जलेबी की तरह, बोले तो एकदम सीधी बात करते हैं!
देश का कोई भी कोना हो ‘जलेबी’ एक ऐसी चीज़ है, जो लोगों को पसंद आती ही है. किसी शहर में सुबह-सुबह गरमा-गरम जलेबियां मिलती हैं, तो कहीं शाम के नाश्ते में खाने का चलन है. ये मीठी रस में सराबोर जलेबी मिनट में किसी का भी मूड ख़ुशनुमा बना देती है.
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अहिल्यानगरी, इंदौर में मिलती है एक ख़ास ‘मावा जलेबी’. इसे बुरहानपुर की जलेबी भी कहा जाता है. मावा जलेबी ज़्यादा मीठी होती है और कुरकुरी नहीं होती. केसर और इलायची के स्वाद और सुगंध से लैस ये मावा जलेबी मीठे के शौक़ीनों को पसंद तो आयेगी ही, साथ ही मीठा पसंद न करने वालों को भी पसंद आएगी.
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मावा जलेबी देखने में ही इतने ग़ज़ब के होते हैं कि एक बार खाकर दोबारा न खान नामुमकिन ही है. घर पैक करवाकर ले जा सकते हैं लेकिन इशे दुकान पर ही गर्म-गर्म खाना ज़्यादा मज़ेदार है.
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तो अगली बार इंदौर जाकर इसका स्वाद लेना न भूलना.