जयपुर का ‘जलमहल’ एक ऐतिहासिक महल है, जिसके दर्शन करने हर साल लाखों सैलानी आते हैं. अगर आपको ऐतिहासिक जगहों से लगाव है तो आप इस महल की ट्रिप प्लान कर सकते हैं. उससे पहले आपको जलमहल से जुड़ी की कुछ ऐसे बातें बता देते हैं जिनके बारे में जानने के बाद आप यहां के लिए बैग पैक करना शुरू कर देंगे.
1- जलमहल का इतिहास
‘जलमहल’ के निर्माण से पहले यहां एक कृत्रिम झील (मानसागर) का निर्माण करवाया गया था. ये झील आस-पास के लोगों के लिए पानी मुहैया करवाती थी. इसमें आमेर के महाराजा नाव से घूमने आते थे. इसकी ख़ूबसूरती से प्रसन्न होकर 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बत्तखों के शिकार के लिए बनवाया.
2- महाराजा माधोसिंह करते थे अश्वमेघ यज्ञ
जलमहल’ के बारे में ये भी कहा जाता है कि इसका निर्माण 1750 में महाराजा माधोसिंह ने करवाया था. ख़ैर इसका इस्तेमाल आमेर के राजा अश्वमेघ यज्ञ करने के बाद रानियों और पंडितों के साथ स्नान करने के लिए भी करते थे.
3- जलमहल की ख़ासियत
जलमहल 5 मंज़िला है, जिसकी 4 मंज़िल पानी के अंदर डूबी हैं. ये महल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जों, छतरियों एवं सीढ़ीदार जीनों से युक्त है. इसकी छत पर एक गार्डन बना है जिसे चमेली बाग़ कहते हैं. इसमें राजपूताना और मुग़ल वास्तुकला की झलक दिखाई देती है. पानी में डूबे होने के कारण दिन में इसकी छवि झील में दिखाई देती है.
4- जलमहल में क्या करें?
जलमहल को ‘रोमांटिक महल’ भी कहा जाता है. किसी ज़माने में यहां राजा-महाराजा अपनी रानियों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने आते थे. यहां नाहरगढ़ और आमेर के क़िले का रमणीय दृश्य नज़र आता है. यहां पर आप बोटिंग कर सकते हैं. आप चाहे तो ऊंट की सवारी का भी आनंद उठा सकते हैं. सोशल मीडिया के लिए कूल पिक्स क्लिक कर सकते हैं.
कैसे पहुंचे जलमहल?
दिल्ली से जयपुर जाने के लिए कई इंटर स्टेट बसें चलती हैं. इसके अलावा आपको हर बड़े रेलवे स्टेशन से जयपुर जाने के लिए ट्रेन मिल जाएगी. आप चाहें तो रोड ट्रिप भी प्लान कर सकते हैं. जयपुर के अजमेरी गेट से जलमहल क़रीब 7 किलोमीटर दूर है.
अगली छुट्टियों में जलमहल जाने की प्लानिंग कर लेना.