क्षिप्रा नदी की दो सहायक नदियों- सरस्वती और ख़ान नदी के किनारे बसा है इंदौर शहर. नर्मदा नदी घाटी में व्यापार के लिए सन 1715 को इस शहर की स्थापना की गई. 

एक रिपोर्ट की मानें तो स्थानीय ज़मीनदारों ने 1741 में इंद्रेश्वर मंदिर बनवाया और इंदौर का नाम इसी मंदिर के नाम पर पड़ा. इस शहर पर मुग़लों, अंग्रेज़ों और फिर मराठाओं ने राज किया. मराठा होल्करों की राजधानी बना इंदौर. ये शहर अंग्रेज़ों के अधीन भारत के ‘सेन्ट्रल इंडिया एजेंसी’ का हेडक्वार्टर और मध्य भारत की ग्रीष्म राजधानी थी.

आज इस शहर के इतिहास के कुछ पन्नों को पलटते हैं और जानते हैं यहां के ऐतिहासिक स्थलों से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में-

1. राजवाड़ा

Holidify

मराठा साम्राज्य के होल्करों ने इस महल का निर्माण करवाया था. ये 7 मंज़िला महल आज भी होल्करों के शाही ठाठ-बाट की गवाही देता है. 1766 में बनकर तैयार हुए इस महल का दक्षिणी हिस्से में आग लगी थी और 1811-1833 के बीच कई बार बनाया गया. मांडु के मुस्लिम कारीग़रों ने इस महल का निर्माण किया था. इस महल की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि इसकी ऊपरी मंज़िलें लकड़ी की बनी है और नीचे की 7 मंज़िलें पत्थर से. आज भी इस महल में नक्काशी किए हुए पत्थर, झरोखे और छतरी उस दौर की कई कहानियां कहते हैं, बस कोई सुनने वाला चाहिए.

2. छतरी बाग़

Indore HD

होल्कर वंश की स्मृति में इन छतरियों का निर्माण करवाया गया था. छतरी, सम्मान का प्रतीक है. इन छतरियों को घेरे है ख़ूबसूरत बाग़. छतरी बाग़, ख़ान नदी के तट पर बना हुआ है. हर छतरी किसी राजा या रानी का अंत्येष्ठि स्थल है. रात में इन छतरियों में लगी लाइटें जलाई जाती हैं और ये जगह और ख़ूबसूरत लगती है.

3. कृष्णपुरा छतरी 

Fab Hotels

कृष्णपुरा छतरी में तीन छतरियां हैं. यहां होल्कर वंश के सदस्यों मृत सदस्यों की अनत्येष्ठि हुई थी और इसलिये इसको होल्कर छतरी भी कहा जाता है. इस जगह का नाम यशवंतराव होल्कर की पत्नी कृष्णा बाई होल्कर के नाम पर पड़ा. ख़ान नदी के किनारे बनी ये छतरियां पत्थरों की बनी है. इन पर सिपाही, देवी-देवताओं की मूर्तियां तराशी हुई हैं और महारानी कृष्णा बाई के लिए कृष्ण मंदिर भी है.

4. लाग बाग़ का महल

Fab Hotels

ये महल भी कभी होल्कर राजाओं का निवास स्थान था. महाराजी शिवाजी राव ने ख़ान नदी के तट पर ये तीन मंज़िला महल बनवाया. ये महल 1886-1921 के बीच बना. इस महल की ख़ासियत है कि इस बनाने में भारतीय और इटैलियन कलाकारों ने मिलकर बनाया था. आज इस महल को म्यूज़ियम में बदल दिया गया है. 28 एकड़ में फैला ये राजप्रासाद होल्करों के ठाठ का जीता-जागता सुबूत है.  

5. सुख निवास महल 

इस महल में होल्कर वंश के सदस्य ग्रीष्म ऋतु बिताते थे. इस महल को देखते ही आज भी उस दौर की शान-ओ-शौक़त का एहसास होता है. पुराना महल और सुख निवास महल को जोड़ती एक सुरंग भी है. ये महल चारों तरफ़ से बाग़ और बगीचों से घिरी है. 

6. कांच मंदिर

Wikipedia

एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इस मंदिर को 1903 के आस-पास बनवाया गया था. एक व्यापारी, सेठ हुकुम चंद ने इस जैन मंदिर को बनवाया था. बाहर से ये मंदिर किसी मध्यकालीन हवेली की तरह दिखता है. वहीं अंदर से ये मंदिर आईनों, चीनी कांच लैंप और कांच पैनल से बना है. कांच के इतने सामान की वजह से ही इस मंदिर का नाम कांच मंदिर है, इस मंदिर में जैन तीर्थांकर, भगवान महावीर की प्रतिमा है और इस प्रतिमा का प्रतिबिम्ब 21 बार देखा जा सकता है.  

7. इंदौर व्हाइट चर्च 

Fab Hotels

इस शहर में अंग्रेज़ों की लिगेसी के भी सुबूत मौजूद हैं. इस चर्च को 1858 में बनवाया गया था और शहर में रहने वाले प्रोटेस्टेंट्स यहां प्रार्थना करने आते हैं. इस चर्च को यूरोपियन स्टाइल में बनवाया गया था और इसमें संगमरमर और दूध से सफ़ेद पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था.

Source- BritannicaIndore HDFab Hotels