राजस्थान, भारत के पश्चिम में स्थित एक राज्य. रेत के टीलों, राजपूतों की आन बान शान की गवाही देती धरती. एक से बढ़कर एक क़िले, हवेलियों वाली इस धरती ने कई वंशों को फलते-फूलते और मिटते देखा है.


क्या है ख़ासिय भंडेसर जैन मंदिर की?
Tripoto के एक लेख के मुताबिक़, भंडेसर जैन मंदिर या भांडा शाह जैन मंदिर अपनी तरह का इकलौता मंदिर ही है. Archaeological Survey of India (ASI) द्वारा संरक्षित इस मंदिर को 15वीं शताब्दी में भांडा शाह नाम के व्यापारी ने बनवाया.

पत्रिका के एक लेख के अनुसार, बीकानेर के पुराने शहर में बड़ा बाज़ार में ही शाह ने 1468 ने इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया और 1541 में शाह की बेटी ने मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करवाया. 108 फ़ीट ऊंचा यह तीन मंज़िला मंदिर 5वें जैन तीर्थांकर सुमतिनाथ को समर्पित है.
पानी की जगह घी का इस्तेमाल
आमतौर पर निर्माण कार्यों में पानी का प्रयोग किया जाता है लेकिन इस मंदिर के निर्माण कार्य में शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल किया गया. जब मंदिर की नींव डाली जा रही थी तब इसमें 40 हज़ार किलोग्राम शुद्ध देशी घी ़डाला गया.

मंदिर की दीवारों की अद्भुत सजावट
मंदिर के इंटीरियर को अगर कोई नज़रभर देख ले तो खो जाए! सोने का वर्क, ऊंचे पिलर्स, नक्काशी और कई तरह की पेंटिंग्स से मंदिर की सजावट की गई है. मंदिर के भित्ति चित्र, मिरर वर्क भी आकर्षण का कारण हैं. इस मंदिर को बनाने में लाल बालू पत्थर का इस्तेमाल किया गया था.


जब से मंदिर की स्थापना हुई है तब से यहां निरंतर पूजा-अर्चना होती है. पेशकश कैसी लगी कमेंट बॉक्स में बताइए.