13 साल का एक बच्चा हर रविवार को गुरुद्वारे जाता था, लेकिन उसकी दिलचस्पी गुरुद्वारे में लंगर ख़ाने से ज़्यादा किचन में चल रही एक्टिविटी पर रहती थी. वो हमेशा किचन में खाना बनते देखता था. एक दिन गुरुद्वारे में मीठा चावल बनाने वाली महिला वहां मौजूद नहीं थी. ऐसे में पहली बार उस बच्चे को ये डिश बनाने का मौक़ा मिल गया. बस यहीं से शुरुआत हुई दुनिया के बेहतरीन शेफ़ में से एक रणवीर बरार की, जिन्हें आज हर तरह का खाना बनाने का हुनर हासिल है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60476e90d1e99b5be45f6bcf_aa495ba2-3b94-4ca4-a938-9f613bb073be.jpg)
रणवीर बरार, जिनकी जड़ें लखनऊ के ज़ायके में मौजूद हैं और शाखाओं पर दुनिया भर के खानों का स्वाद लहलहाता दिखता है. शेफ़ होने के साथ-साथ रणवीर एक होस्ट और फ़ूड स्टाइलिस्ट भी हैं और कई तरह के कुकिंग शो में भी आते हैं. वो ‘मास्टर शेफ इंडिया सीज़न 4’ में जज के रूप में शामिल हो चुके हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि रणवीर का सफ़र लखनऊ की ग़लियों से शुरू हुआ था.
पहली बार गुरुद्वारे में खाना बनाने के बाद रणवीर ने लखनऊ के ज़ायकों की खोज शुरू कर दी. अमीनाबाद की ग़लियों में अवधी व्यंजनों को एक्सप्लोर किया तो चौक और बावर्ची टोला में कबाब और बिरयानी बनते देखी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60476e90d1e99b5be45f6bcf_61ec3fb5-aeb5-4ab2-87bc-01322eeefe2b.jpg)
रणवीर कहते हैं, ‘लखनऊ के लोग खाने को बहुत सीरियसली लेते हैं. इतना कि वो आपको खाने के साथ अलग से नमक तक नहीं देते, क्योंकि ये किसी की ग्रैंड मदर की रेसिपी हो सकती है. यहां एक प्लेट खाने के साथ पतीला भर कहानियां भी मिलती हैं.’
परिवार के मना करने के बाद भी नहीं बदला फ़ैसला
रणवीर बताते हैं कि, जब उनके परिवार को पता चला कि वो शेफ़ बनना चाहते हैं तो सभी ने सिरे से इंकार कर दिया. किसी ने जॉब सिक्योरिटी के कारण तो किसी ने परिवार की प्रतिष्ठा को लेकर सवाल उठाया. कुछ ने इस प्रोफ़ेशन को ही ख़ारिज कर दिया. हालांकि, रणवीर ने शेफ़ बनने की ठान ली थी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60476e90d1e99b5be45f6bcf_10a861e8-03f1-4e17-acd3-2311e607e1fe.jpg)
मुझे कभी भी नॉर्मल चीज़ें समझ नही आईं. भले ही मेरे पास तर्क न हो फिर भी मैं सवाल करता था. मैंने अपनी मां से कहा था कि मुझे आप सबके साथ नहीं रहना. सबको लगा कि मैं ऐसा अपनी टीनएज के चलते कह रहा हूं. लेकिन मैंने घर छोड़ दिया, क्योंकि मैं उन्हें ग़लत साबित करना चाहता था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60476e90d1e99b5be45f6bcf_6c5f5b30-5b89-450a-a3b2-bf3b24b7a13a.jpg)
रणवीर ने 17 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था, जिसके बाद वो कबाब बनाने वाले पारंपरिक शेफ़ मुनीर उस्ताद से खाना बनाना सीखने लगे. 25 साल की उम्र में रणवीर भारत के सबसे कम उम्र के एग्ज़क्यूटिव शेफ़ बन गए थे, जिसने किसी फ़ाइव स्टार होटल में काम किया है.
क़िस्सों की प्लेट पर परोसते हैं खाना
एक चीज़ जो रणवीर को बेहद यूनिक बनाती है, वो है हर रेसिपी के पीछे छिपी कहानी बयां करने का उनका अंदाज़. रणवीर हर डिश से जुड़ी कहानी बताते हैं. जिस दौर में रेसिपी बनी, उसे बनाने का पारंपरिक तरीका और यहां तक वो बर्तन में ट्रैडिशनल ही यूज़ करते हैं. ख़ैर, अब लखनऊ से हैं तो ये आदत होना लाज़मी ही है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60476e90d1e99b5be45f6bcf_27e4447d-0699-4956-9383-476276ef49a1.jpg)
यादें ज़िंदा रहनी चाहिए और उन्हें अगली पीढ़ी तक पहुंचना चाहिए. मेरी मां और ग्रैंड मां जिस तहर चूल्हे और हांडी पर खाना बनाती थीं, वो हमें भूलना नहीं चाहिए.
रणवीर का मानना है कि अगर कोई फ़ूड पर्सन या शेफ़ के तौर पर डेवलेप होना चाहता है तो उसे ट्रैवल करना ही पड़ेगा. आप एक अनुभवी शेफ़ तब तक नहीं बन सकते, जब तक सांस्कृतिक दृष्टिकोण को नहीं समझेंगे.
रणवीर अपने यूट्यूब चैनल Chef Ranveer Brar पर कुकिंग से जुड़े वीडियोज़ अपलोड करते रहते हैं. आप उन्हें खाना बनाते हैं उससे जुड़े क़िस्से सुनाते वहां देख सकते हैं.