Kamlesh Nanasaheb Ghumareसोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) को अगर सपनों को साकार करने वाला जादुई चिराग़ कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा. इसी जादुई चिराग़ से अपनी क़िस्मत बदलने रोज़ कोई न कोई कंटेस्टेंट अपने पक्के इरादों और एक दम यूनिक आिडिया के साथ आता है. और उनका आइडिया शार्क्स को पंसद आने पर शार्क्स उन पर पैसा लगाते हैं. ऐसे ही एक कंटेस्टेंट इस बार आए, जिनका नाम कमलेश नानसाहेब घुमरे (Kamlesh Nanasaheb Ghumare) था, जो मालेगांव के रहने वाले हैं. 27 साल के कमलेश ने अपने इंट्रोडक्शन से सभी का दिल जीत लिया और सबको इमोशनल कर दिया. कमलेश नानासाहेब घुमरे (Kamlesh Nanasaheb Ghumare) एक किसान परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं, इनके बड़े भाई आर्मी में हैं और पिता किसान. इन्हें लोग जुगाड़ू कमलेश के नाम से जानते हैं.

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कमलेश ने शार्क टैंक इंडिया में बताया, 

मैंने साइंस से 12वीं की है, उसके बाद मैंने बीसीए शुरू किया लेकिन इसमें मेरा मन नहीं लगा, जिस वजह से मैंने दो साल बाद पढ़ाई छोड़ दी. मुझे एक्टिंग, सिंगिंग और नई चीज़ों का आविष्कार करना पसंद है. मेरे गांव में बहुत पढ़े-लिखे लोग हैं, लेकिन उनके पास कोई नौकरी नहीं है. मैं अपने गांव के लोगों को अपने बिज़नेस के माध्यम से नौकरी देना चाहता हूं.

-जुगाड़ू कमलेश

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भारत की एक नई तस्वीर गढ़ने वाले शो पर गुरूवार के एपिसोड में जुगाड़ू कमलेश ने जब अपना आइडिया शार्क्स को सुनाया तो उनके इस जुगाड़ पर सब हैरान रह गए. कमलेश ने एक ऐसी साइकिल बनाई है, जो किसान को खेती करने में बहुत मदद करेगी और उसके काम को आसान बनाएगी. जुगाड़ू कमलेश नानासाहेब घुमरे (Kamlesh Nanasaheb Ghumare) के स्टार्टअप का नाम ‘केजी एग्रोटेक’ है. इस साइकिल से किसान खेतों में कीटनाशक का छिड़काव, बीज बोने और सामान ढोने का काम आसानी से कर सकते हैं. कमलेश का साथ उनके 21 साल के भतीजे नरू देते हैं और शार्क्स ने उन्हें भी ख़ूब पसंद किया.

कमलेश (Kamlesh Nanasaheb Ghumare) ने अपने पिता और अन्य किसानों के दर्द को बयां करते हुए कहा,

किसानों को अपनी फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल करना होता है. ये कीटनाशक स्र्पे उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं और कई बीमारियों का कारण बनते हैं. इनके पिता भी कीटनाशक के छिड़काव की वजह से कीटनाशकों से होने वाली बीमारी से पीड़ित थे, तभी उन्होंने इस कीटनाशक ट्रॉली स्प्रे का आविष्कार किया. हालांकि, मार्केट में बहुत सारे कीटनाशक स्प्रेयर मौजूद है, लेकिन उनकी क़ीमत बहुत ज़्यादा है, जो ज़्यादातर किसान नहीं ख़रीद पाते हैं. बस, इसी के चलते अपने पिता और कई अन्य किसानों की मदद के लिए उन्होंने इस ट्रॉली का आविष्कार किया है.

कमलेश के इस बेहतरीन आविष्कार को लेंसकार्ट के सीईओ पीयूष बंसल ने 40 परसेंट इक्विटी के लिए 10 लाख रुपये की डील और 20 लाख रुपये का कर्ज़ दिया है. बिज़नेस टाइकून पीयूष बंसल ने जैसे ही कमलेश की ओर अपना हाथ बढ़ाया सबने उनके इस क़दम की सराहना की और उनके फ़ैन हो गए.

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Kamlesh Nanasaheb Ghumare ने अपने इंवेंशन के बारे में बताया,

वो कोई इंजीनियर नहीं हैं बस उन्होंने अपने थोड़े-बहुत ज्ञान से इस साइकिल को बनाया है, जो लंबे समय तक किसानों की मदद करने में सहायक होगी. इस ट्रॉली में एक हैंडल है जो स्पेरयर से जुड़ा है, जिसकी मदद से किसान आसानी से कीटनाशक का छिड़काव कर पाएंगे. इसे बनाने के लिए कमलेश ने अपने नज़दीकी स्क्रैप डीलर से स्क्रैप ख़रीदा और इन स्प्रेयर को बनाना शुरू किया.

कमलेश ने कहा,

मैंने किसानों को खेतों में पानी डालते और कीटनाशक का छिड़काव करते हैं 17 लीटर की इस टंकी को कंधे पर उठाकर फिर खेतों में छड़काव करना बहुत कष्टदायक होता है. मैंने अपने पापा को भी इस दर्द से गुज़रते देखा है. इसलिए मैंने इनके दर्द को कम करने के लिए इसका आविष्कार किया है. इसे मैं पिछले सात सालों से बना रहा हूं क्योंकि मुझे जब भी लगता था कि इसमें कुछ बदलाव कर सकता हूं मैं इसे बदल देता था. तब जाकर मैं इसे आपके सामने ला पाया हूं. 

-कमलेश नानासाहेब घुमरे

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डील पक्की होने के बाद जुगाड़ू कमलेश ने अपने दिल की बात कही,

मैंने केजी एग्रोटेक शुरू किया, जिसके तहत मैंने ये मल्टीपर्पज़ साइकिल बनाई है. मैं शार्क टैंक इंडिया और पीयूष बंसल का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे ये मौक़ा दिया और मेरे प्रोडक्ट पर विश्वास दिखाया और मुझे ये डील दी. मेरा उद्देश्य किसानों के दर्द को कम करना है जो अपने कंधों पर देश की 100 करोड़ से ज़्यादा आबादी का बोझ उठाए हुए हैं. इससे लाखों किसानों को एक उम्मीद मिलेगी.
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डील फ़ाइनल होने के बाद सभी शार्क्स ने इस डील पर अपने कमेंट दिए और डील की जमकर तारीफ़ की. सुगर काॅस्मेटिक्स की सीईओ विनीता सिंह ने कहा, पीयूष मैं आपकी बिगेस्ट फ़ैन हो गई हूं, आपने आज जो किया वो वाकई काबिल-ए-तारीफ़ है. एमक्योर फ़ार्मास्यूटिकल की एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर ममता थापर ने कहा कि, इस डील ने दिल को छू लिया. इस पर पीयूष ने कहा, इस बंदे में दम तो है. शादी डाॅट काॅम के सीईओ अनुपम मित्तल ने कहा, इस लड़के का दिल बहुत साफ़ है, हम होते तो इसे आधे रास्ते में छोड़ देते ये साल साल तक लगा रहा.