झीलों के अगल-बगल आपने ख़ूब पेड़-पौधे देखे होंगे. साहिल पर बैठकर शांति और सुकून के पल भी बिताए होंगे. मगर क्या कभी झील की जादूगरी देखी है? अगर हम कहें कि एक झील ऐसी है जिसमें पेड़ उलटे झील के अंदर बढ़ते हैं, तो यक़ीन होगा आपको?
इसी बात का यक़ीन दिलाने के लिए आज हम आपको कज़ाख़िस्तान के सबसे बड़े शहर, अलमाती से 80 मील दूर, Kaindy झील की जादूगरी से रू-ब-रू करा रहे हैं. तस्वीरों पर एक बार में यक़ीन करना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन नामुक़िन नहीं.
झील में अंदर की ओर बढ़ते पेड़ किसी अजूबे से कम नहीं हैं. इन पेड़ों की संख्या इतनी ज़्यादा है कि ये अब तक घने जंगलों का रूप ले चुके हैं. दरअसल, 1911 में आए भूकंप के चलते ऐसा हुआ, जब एक लैंडस्लाइड के बाद, पहाड़ का मुंह बंद हो गया और वहां एक प्राकृतिक डैम बन गया. इसके बाद, इतनी बारिश हुई कि पूरा एरिया बारिश के पानी में सराबोर हो गया. भले ही झील के बाहर पेड़ सूख गए, लेकिन जंगलों के पानी में डूब जाने से उनके बीज हरे-भरे रहे और इस चमत्कारी झील का रूप ले लिया.
ये झील समुद्र तल से लगभग 2,000 मीटर ऊपर स्थित है और इसका पानी बहुत ठंडा है. इस झील की ख़ूबसूरती को पास से देखने का अपना अलग ही मज़ा है. इसके आकर्षण का केंद्र फ़िरोज़ा पानी है, जिससे झील के अंदर तक का नज़ारा साफ़-साफ़ दिखाई देता है. ये झील सर्दियों के मौसम में जम जाती है. ये स्लेजिंग (बर्फ़ पर चलने वाली गाड़ी) और विंटर ट्रेक के लिए एक अच्छा विकल्प है.
यहां के रास्ते ख़राब होने के चलते पर्यटकों के लिए यहां आना थोड़ा मुश्किल होता है. इस झील तक पहुंचने के लिए साधन भी पर्याप्त नहीं हैं. मगर एक बार यहां पहुंच गए तो जन्नत जैसे नज़ारे का दीदार होगा.
तस्वीरों के अलावा आप इस वीडियो में भी झील की ख़ूबसूरती को देख सकते हैं:
खो गए न झील की ख़ूबसूरती में, तो कब जा रहे हैं?