दुनियाभर में लोग गांव से शहरों की ओर पलायन करते हैं. उन्हें लगता है कि बड़ी आबादी के बीच उनके हिस्से भी कुछ बड़ा आ जाएगा. हालांकि, उनके नसीब में आता है तो बस भीड़ और शोर. थक कर सांस भी लेते हैं, तो फेफड़ों में जानलेवा हवा भर जाती है. मगर इन सबसे अलग एक शख़्स है, जो न तो गांव से शहर जाने के बजाय शहर से जंगल चला गया और पिछले 40 सालों से अकेले ही जंगह में ज़िंदगी गुज़ार रहा है. 

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इस शख़्स का नाम केन स्मिथ है. 74 वर्षीय केन स्कॉटलैंड के रहने वाले हैं. वो पिछले 40 साल से जंगल में ही प्रकृति के सहारे एकांत में ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं. एक ऐसी जगह जहां न तो बिजली है और न ही कोई अन्य ज़रूरी सुविधाएं. तो आइए जानते हैं, आख़िर क्यों एक शख़्स शहरों की सुविधाएं छोड़कर जंगह में ज़िंदगी गुज़ार रहा है.

पूरी तरह प्रकृति के सहारे गुज़ार रहे ज़िंदगी

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, केन शहर से दूर  स्कॉटिश हाइलैंड्स में अकेले रहते हैं. ये एक ऐसा इलाका है, जहां सड़क तक नहीं पहुंचती. वो जिस जगह पर रहते हैं, वहां से सड़क 2 घंटे की दूरी पर है. उन्होंने जंगल में एक झोपड़ी बना रखी है. जिसका नाम उन्होंने ‘लोनली लॉच’ रखा है.

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ये झोपड़ी उन्होंने ख़ुद ही बनाई है. वो यहां पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर हैं. केन अपने लिये लकड़ियां इकट्ठा करते हैं. खाने के लिये सब्ज़ियां उगाते हैं, मछलियों का शिकार करते हैं. 

आख़िर क्यों छोड़ा शहरी सुख-सुविधाओं वाला जीवन?

केन का शहर छोड़कर जंगल में ज़िंदगी गुज़ारने के फ़ैसले के पीछे एक हादसा ज़िम्मेदार रहा. दरअसल, जब केन 26 साल के थे, तो कुछ गुंडो ने उनसे लूटपाट की. उन्हें बुरी तरह मारा. इस हादसे में वो इस कदर घायल हुए कि 23 दिन तक उन्होंने होश ही नहीं आया.

केन को जब होश आया तो लोगों को लगा कि अब वो कभी ठीक नहीं हो पाएंगे. मगर किसी तरह उन्होंने अपनी हिम्मत बांधी और देखते ही देखते वो रिकवर भी होने लगे. 

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केन ने बताया कि लोग कहते थे कि, ‘मैं कभी ठीक नहीं होऊंगा. मैं फिर कभी नहीं बोलूंगा. मैं फिर कभी नहीं चलूंगा लेकिन मैंने किया. तभी मैंने फैसला किया कि मैं कभी किसी की शर्तों पर नहीं, बल्कि ख़ुद अपनी शर्तों पर ज़िंदगी गुजारूंगा.’ 

ऐसे में ठीक होने के बाद केन अपनी पुरानी ज़िंदगी में लौटने के बजाय लंबी-लंबी यात्राओं पर निकल गये. अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीने की ठान चुके स्मिथ ने 30 हज़ार किमी से ज़्यादा का सफ़र किया. इस दौरान उन्होंने शहरी भीड़ से नफ़रत और जंगलों के एकांत से प्यार हो गया. बता दें, यात्रा के दौरान ही उनके पेरेंट्स का भी निधन हो गया था.

जंगल में जान को ख़तरा मगर फिर नहीं चाहते लौटना

जंगल में रहने के दौरान एक वक़्त ऐसा भी आया कि केन की ज़िंदगी ख़तरे में पड़ गई. दरअसल, साल 2019 में बर्फ़बारी के दौरान उन्होंने स्ट्रोक आ गया था. केन की सेहत के देखते हुए उन्होंने एक GPS पर्सनल लोकेटर दिया गया था. जिस पर वो मदद के लिये इमरजेंसी मैसेज भेज सकते हैं. केन ने उसका इस्तेमाल किया और उन्हें किसी तरह वहां से एयरलिफ़्ट कर लाया गया. कई हफ़्तों के इलाज के बाद वो ठीक हो सके. 

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इसके बाद उनसे अपील की गई कि वो अब जंगल न लौटें, बल्कि शहर में रहें. मगर स्मिथ ने इन्कार कर दिया. बता दें, केन को अब ठीक से न तो दिखाई देता है और न ही उनकी याददाश्त भी कमज़ोर हो गई है. मगर फिर भी, वो अपने आख़िरी वक़्त तक जंगल में रहना चाहते हैं.