खाजा भारत कि एक पारंपरिक मिठाई है. बिहार में तो इसके बिना कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. शादी के बाद दुल्हन अपने ससुराल वालों के लिए यही मिठाई लेकर आती है. बिहार के सिलाव का खाजा वर्ल्ड फ़ेमस है. ये एक ऐसी मिठाई है जो दिखने में पैटीज़ जैसी दिखाई देती है. इसे खाते ही ये मुह में घुल जाती है. इसका स्वाद बहुत ही ख़ास है.

कहते हैं कि ये मिठाई भगवान जगन्नाथ को भी बहुत पसंद है. अब ये मिठाई इतनी ख़ास है, तो इसका इतिहास भी बहुत ख़ास होगा ही. चलिए आज इसके इतिहास के बारे में भी जान लेते हैं. 

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खाजा के इतिहास कि बात कि जाए तो इसका इतिहास सदियों पुराना है. इसका ज़िक्र 12वीं सदी में लिखी गई किताब मानसोल्लासा (अभिलाशितार्थ चिंता मणि) में भी किया गया है. इसकी उत्पत्ति अवध में हुई थी. 

मैदे से बनने वाली इस मिठाई को यूपी, बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में बड़े ही चाव से खाया जाता है. खाजा का कनेक्शन भगवान जगन्नाथ से भी है. 

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कहते हैं कि भगवान जगन्नाथ को खाजा बहुत पसंद था. लेकिन पुरी में किसी को ये बनानी नहीं आती थी. तब भगवान जगन्नाथ वहां के एक फ़ेमस मिठाई वाले के सपने में आए. उन्होंने उसे खाजा बनाने को कहा. ये मिठाई वाला मुस्लिम था और उसे इसे बनाना नहीं आता था. तो उसने सपने में ही उनसे खाजा बनाने की विधी पूछी. भगवान जगन्नाथ ने उसे स्वयं इसे बनाने की विधि बनाई और भोग लगाने की बात कही. 

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अगले दिन मिठाई वाला खाजा बनाकर मंदिर पहुंचा. लेकिन मंदिर के द्वारपालों ने उसे अंदर नहीं जाने दिया. वजह थी उनका मुस्लिम होना. इस बात पर काफ़ी देर तक बहस होती रही. उसने मंदिर के पुजारियों को बहुत समझाया, सपने वाली बात भी कही लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं मानी. 

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इसी बीच एक कुत्ता आकर उसकी बनाई मिठाई लेकर मंदिर चला जाता है. सभी लोग उसे तलाशने लगते हैं, पर कुत्ते को कहीं नहीं पाते हैं. कुछ देर बाद वो देखते हैं कि मिठाई कहां है, वो मिठाई को भगवान जगन्नाथ के चरणों में पाते हैं. इसके बाद उन्होंने एक आवाज़ सुनी. 

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ये आवाज़ भगवान जगन्नाथ की ही थी. उन्होंने बताया कि मैने ही इन्हें खाजा बनाने को कहा था. क्योंकि ये मिठाई मुझे बहुत पसंद है. उसके बाद से ही ये मिठाई भगवान जगन्नाथ को भोग के रूप में चढ़ाई जाने लगी. 

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि भगवान बुद्ध ने इस मिठाई का नाम खाजा रखा था. एक बार जब वो अपने अनुयाइयों के साथ सिलाव(बिहार) आए थे तब उन्होंने इसका स्वाद चखा था. 

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बिहार के सिलाव में 52 परतों वा स्पेशल खाजा बनाया जाता है. अब ये मिठाई वर्ल्ड फ़ेमस है. इसे अब विदेशों में भी बेचा जा रहा है. जो लोग जगन्नाथ या फिर सिलाव जाते हैं, तो वहां से खाजा लेकर आना नहीं भूलते. 

अगली बार आप भी वहां जाएं तो खाजा को टेस्ट करना न भूलें. 

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