खिचड़ी… कुछ लोग इसे गरीबों का भोजन कहते हैं. पर Bachelors के लिए ये गुज़ारा करने का आसान तरीका है. बीमार हों तो खिचड़ी, स्वस्थ हो तो खिचड़ी. कम ही लोग होंगे जिन्हें घी और सब्ज़ियों वाली खिचड़ी अपनी ओर न खिंचती हो.
दक्खन से आई खिचड़ी देश के लगभग हर घर में बनती है. कभी-कभी सिर्फ़ दाल-चावल से बनाई जाती है तो कभी मसाले और सब्ज़ियों के साथ.
रिपोर्ट्स के अनुसार, खिचड़ी को World Food India 2017 में ब्रैंड इंडिया फ़ूड के नाम से प्रमोट किया जाएगा. खिचड़ी सिर्फ़ गरीबों का ही खाना नहीं है, बल्कि अमीर भी चाव से इसे खाते हैं
4 नवंबर को दिल्ली में होने वाले ग्लोबल फ़ूड ऐक्सपो में Food Processing Industries of India की मंत्री, हरसिमरत कौर बादल खिचड़ी को प्रमोट करेंगी.
इसके साथ ही शेफ़ संजीव कपूर, 800 किलोग्राम खिचड़ी तैयार कर Guinness World Record बनाने की कोशिश करेंगे. इस खिचड़ी को 60 हज़ार अनाथ बच्चों में बांटा जाएगा.
एक सरकारी अफ़सर ने ये भी बताया कि खिचड़ी को ग्लोबल लेवल पर हर रेस्त्रां और होटल में उपलब्ध करवाने की भी कोशिश की जाएगी.
कल से ये ख़बरें भी आ रही हैं कि खिचड़ी को राष्ट्रीय फ़ूड घोषित किया जाएगा. इन ख़बरों को ख़ारिज करते हुए हरसिमरत कौर ने ट्वीट कर बताया कि खिचड़ी को सिर्फ़ प्रमोट किया जाएगा इसे नेशनल फ़ूड घोषित नहीं किया जाएगा.
Enough Khichdi cooked up on a fictitious ‘National Dish’. It has only been put for a record entry in #WorldFoodIndia.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) November 1, 2017
जो भी हो, हम तो पहले भी खिचड़ी के फ़ैन थे, आज भी हैं और आने वाले दिनों में भी रहेंगे. कोई और नियम माने न माने हफ़्ते में 1 बार खिचड़ी खाने का नियम तो हम ज़रूर फ़ॉलो करते हैं.