आपने कई बार पक्षियों को पेड़ पर या आसमान में उड़ते देखा होगा. कई पक्षी आपकी बालकनी में बैठकर दाना चुगते हुए भी आपको दिखाई दिए होंगे. जैसे कबूतर, चिड़िया आदि. लेकिन इस दुनिया में एक पक्षी ऐसा भी है, जो ज़मीन पर अपने कभी पैर नहीं रखता है. जी हां, इस पक्षी का एटीट्यूड थोड़ा हाई-फ़ाई है.
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हरियल पक्षी
आइए आपको ज़मीन पर पैर न रखने वाले इस पक्षी के बारें में विस्तार से जानकारी दे देते हैं.
क्या है इस पक्षी का नाम?
ज़मीन पर कभी पैर न रखने वाले इस पक्षी का नाम ‘हरियल पक्षी‘ है. इसकी शक्ल दिखने में बिल्कुल कबूतर जैसी लगती है. इस पक्षी का रंग हल्का स्लेटी और हरे रंग से मिला होता है. साथ ही इसमें पीले रंग की धारियां होती हैं. अपने रंग की वजह से ही इसे ‘हरियल पक्षी’ कहा जाता है. ये आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है. ये अपना घोंसला पीपल या बरगद जैसे ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पर ही बनाता है और कभी ज़मीन पर नहीं उतरता.
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क्यों ये पक्षी ज़मीन पर नहीं रखता पैर?
हरियल पक्षी अपना ऊंचे पेड़ों पर घोंसला घास के पत्तों और तिनकों से बनाता है. खाने में इसे पत्ते, फ़ल, फूलों की कलियां, बीज, अनाज के दाने, छोटे पौधे के अंकुर पसंद हैं. साथ ही ये पीपल से लेकर अंजीर, बड़, गूलर आदि पेड़ों के पत्ते खाता है. इसका फ़ेवरेट आहार बेर, चिरौंजी और जामुन के फल हैं. ये पके फ़ल भी बड़े चाव से खाता है. फल खाते समय इसकी कलाबाज़ियां देखने लायक होती हैं.
इस पक्षी की चोंच मोटी और मजबूत होती है. ये अपनी प्यास पेड़ों के फल और पत्तियों पर जमीं ओस से पूरी कर लेता है. इसका स्वभाव शर्मीला है और इंसानों को देखकर ये चुप्पी साध लेता है. इसकी सारी आवश्यकताएं पेड़ों से ही पूरी हो जाती हैं. इसलिए ये पक्षी ज़मीन पर कभी पैर नहीं रखता.
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कितनी होती है इस पक्षी की उम्र?
हरियल पक्षी थोड़ा सुस्त टाइप का होता है. इसे अंग्रेज़ी में ग्रीन पिजन यानी हरा कबूतर भी कहा जाता है. इसकी उम्र क़रीब 26 वर्ष की होती है. ये अपनी पूरी ज़िंदगी पेड़ों पर ही आलसपन में गुज़ार देता है. इसकी लम्बाई तीन सेंटीमीटर होती है. ये एक शाकाहारी पक्षी है, जो आपको पेड़ों के सबसे ऊपर बैठे हुए दिख जाएगा. इसके नर और मादा दिखने में एक जैसे होते हैं. लेकिन नर के मुक़ाबले मादा थोड़ी ज़्यादा सुस्त रहती है.
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सीटी जैसी मधुर होती है आवाज़
यह ट्रेरन फौनीकॉपटेरा (Treron Pheonicoptera) प्रजाति का पक्षी है. ये महाराष्ट्र का राजकीय पक्षी है. लेकिन ये सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश में पाया जाता है. इसका मांस नरम होता है, जिस वजह से इसका शिकार सबसे ज़्यादा किया जाता है. इसकी आवाज़ काफ़ी मधुर होती है. ये पक्षी काफ़ी सोशल है और हमेशा ग्रुप में रहना पसंद करता है. इनका छोटा समूह 5 से 10 पक्षियों का होता है.
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कहां पाया जाता है ये पक्षी?
ये पक्षी भारत के अलावा श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, चीन, बर्मा आदि देशों में पाए जाते हैं. भारत की बात करें, तो उत्तरी-पश्चिम रेगिस्तान को छोड़कर ये पूरे देश में आपको मिल जाएंगे.
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है न कमाल का ये पक्षी!