Blue-Ringed Octopus: समुद्री जीवों में शामिल ऑक्टोपस (Octopus) अपनी शारीरिक बनावट के चलते काफ़ी ख़तरनाक लगता है. इसके 8 पैर होते हैं. पूरी दुनिया में ऑक्टोपस की क़रीब 300 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा ज़हरीला ‘ब्लू रिंग्ड ऑक्टोपस’ (Blue Ringed Octopus) होता है, इसके ज़हर में इतना तेज़ होता है कि 30 सेकंड में एक इंसान को मौत के घाट पहुंचा दे.

Blue-Ringed Octopus
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चलिए इस ज़हरीले ब्लू रिंग ऑक्टोपस‘ (Blue-Ringed Octopus) के बारे में विस्तार से जानते हैं.

आप सभी ने साइनाइड का नाम तो सुना ही होगा, जिसे खाते ही इंसान कुछ सेकंड्स के अंदर ही मर जाता है. इस ऑक्टोपस के ज़हर में भी कुछ ऐसा ही होता है. इसके एक बार काटने पर 20 इंसानों के मारने जितना ज़हर निकलता है. इसके ज़हर में टेट्रोडोटॉक्सिन (Tetrodotoxin) पाया जाता है, जो एक जानलेवा न्यूरोटॉक्सिन है. ये साइनाइड से हज़ार गुना ज़्यादा ज़हरीला होता है.

Blue-Ringed Octopus
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पहली बार इस ज़हर को Pufferfish में खोजा गया था. हालांकि, यही ज़हर ब्लू रिंग ऑक्टोपस में भी होता है, लेकिन ये ऑक्टोपस तब तक नुकसान नहीं पहुंचाते जब तक इन्हें उकसाया न जाया. पफ़रफिश और ब्लू रिंग ऑक्टोपस के अलावा, ये ज़हर और 100 प्रजातियों में भी पाया जाता है, जिसमें पनामियन गोल्डन मेंढक (Panamanian Golden Frog) और खुरदरी त्वचा वाले न्यूट (Newts) भी शामिल हैं. इन सभी में ज़हर का स्तर कम और ज़्यादा होता है.

Pufferfish
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ऑस्ट्रेलिया में उत्तरी क्वींसलैंड की James Cook University के Marine Zoologist, Peter Morse ने इन ऑक्टोपस पर एक स्टडी की कि,

इन ऑक्टोपस के संभोग की आदतों पर स्टडी करने पर पाया कि, ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस की दो प्रजातियों के बीच मुख्य अंतर ये है कि वो प्रजनन कैसे करते हैं. पहले ब्लू रिंग ऑक्टोपस जैसे ही थोड़ा बड़े होते हैं उनका एक प्लैंकटोनिक लार्वा चरण होता है, जिसका अर्थ है कि ऑक्टोपस में बढ़ने से पहले वे प्लैंकटन के रूप में शुरू होते हैं. इससे उन्हें दूर तक फैलने में मदद मिलती है, जिससे उनकी सीमा व्यापक हो जाती है और उनकी आबादी अधिक हो जाती है. वहीं दूसरी ओर Southern Blue-Ringed Octopus मिनी-वयस्क के रूप में हैच करता है. वे केवल उतना ही आगे बढ़ सकते हैं जितना वे क्रॉल कर सकते हैं,” जिसका अर्थ है कि इस प्रजाति के बीच अधिक अंतःप्रजनन है.

Blue-Ringed Octopus
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एक स्टडी के अनुसार,

ब्लू रिंग ऑक्टोपस इस ज़हर का इस्तेमाल अपने शिकार के लिए करते हैं. वो अपनी नुकीली चोंच से ज़हर शिकार में देते हैं ओऔर चौंकाने वाली बात ये है कि इनके काटने से दर्द नहीं होता है इसलिए कभी-कभी मनुष्य ये जान ही नहीं पाता है कि ऑक्टोपस ने उन्हें काटा है.

Blue-Ringed Octopus
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आपको बता दें, ‘ब्लू रिंग ऑक्टोपस’ तस्मानिया सहित पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है और ऑस्ट्रेलिया में इसकी तीन प्रजाती पाई जाती हैं, जिसका आकार 12 से 22 सेंटीमीटर के बीच होता है.