आगरा जाने वाले अगर ‘आगरा फ़ोर्ट’ घूम कर न आयें, तो उनकी यात्रा अधूरी मानी जाती है. ये क़िला अनूठी वास्तुकला और अनोखी शिल्पकारी के लिये दुनियाभर में मशहूर है. अद्भुत ख़ूबसूरती के कारण ही यूनिस्को द्वारा ‘आगरा फ़ोर्ट’ को विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया था.
‘आगरा फ़ोर्ट’ को लेकर अब तक हम कई अलग-अलग कहानियां सुनते आये हैं. कहते हैं कि पहले ये क़िला पृथ्वी राज चौहान के पास था. इसके बाद इस पर महमूद गजनवी ने अपना कब्ज़ा जमा लिया था. यहां जाने वालों का कहना है कि ‘आगरा फ़ोर्ट’ इतना भव्य और ख़ूबसूरत है कि देख कर लगता है, मानों इसमें एक पूरा संसार समाया हुआ हो.
किसने कराया था आगरा फ़ोर्ट का निर्माण?
इतिहासकारों की मानें तो एक समय में आगरा, दिल्ली की राजधानी हुआ करती थी. दिल्ली के पहले सुल्तान सिकंदर लोदी थे, उन्होंने अपनी राजधानी दिल्ली से आगरा शिफ़्ट कर ली थी. कहा जाता है कि आगरा क़िले पर सिंकदर के बेटे इब्राहिम लोदी ने कब्ज़ा जमा लिया था, जिसे 9 साल तक बादलगढ़ के नाम से जाना जाता था.
हांलाकि, पानीपत की लड़ाई के दौरान इब्राहिम की हार हुई और बाबर ने अपने बेटे हुमायूं को आगरा भेज क़िले पर कब्ज़ा जमा लिया. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान एक विशाल खजाना भी मिला था, जिसमें ‘कोहिनूर हीरा’ शामिल था.
कहते हैं कि, आगरा फ़ोर्ट पर किसी एक का नहीं, बल्कि कई मुग़ल और मराठी शासकों का राज रहा है. शासकों की शान और चमक आज भी क़िले में देखी जा सकती है.
आगरा क़िले के अंदर जहांगीर महल, अंगूरी बाग़, खास महल, शीश महल, दीवान-ए-ख़ास, दीवान-ए-आम जैसी कई ख़ूबसूरत इमारतें बनी हुई हैं. जहां कई बॉलीवुड फ़िल्म्स की शूटिंग हो चुकी है. अगली बार आगरा जाना तो यहां होकर ज़रूर आना?