अगर आप जयपुर को एक्सप्लोर कर चुके हैं और इसके आस-पास कोई नई डेस्टिनेशन तलाश रहे हैं तो निराश न हों. आज हम आपके लिए जयपुर के करीब ही स्थित एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी प्रसिद्ध है. जी हां हम बात कर रहे हैं ‘कुंभलगढ़ क़िले’ की. अगर आपने अब तक इसके बारे में नहीं सुना है तो आज जान लीजिए.

कुंभलगढ़ क़िले का इतिहास

राजस्थान के राजसमंद ज़िले में स्थित ये क़िला अरावली की पहाड़ियों पर बना है. इसका निर्माण मेवाड़ के प्रसिद्ध शासक महाराणा कुंभा ने 15वीं शताब्दी में करवाया था. इस क़िले की दीवार 36 किलोमीटर लंबी है. चीन की दीवार के बाद ये दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है.

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महाराणा प्रताप की जन्मस्थली

इसकी दीवार की चौड़ाई 15 फ़ीट है जिस पर आठ घोड़े आराम से चल सकते हैं. यूनेस्को ने इसे ‘विश्व धरोहर स्थल’ घोषित कर रखा है. कुंभलगढ़ क़िला मेवाड़ के महान योद्धा महाराणा प्रताप की जन्मस्थली भी है. क़िले की दीवार की परिधि के अंदर 360 मंदिर मौजूद हैं. इनमें से 300 मंदिर जैन धर्म के और बाकी हिंदू धर्म के हैं. इनमें मम्मादेव मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, परशुराम मंदिर, वेदी मंदिर बहुत फ़ेमस हैं.

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कुंभलगढ़ वाइल्ड लाइफ़ सेंचुरी

इस क़िले के पास मौजूद जंगल में आप ‘जंगल सफ़ारी’ का लुत्फ़ उठा सकते हैं. ये क़रीब 578 वर्ग किलोमीटर में फैला है. यहां तेंदुए के भी दर्शन हो सकते हैं.

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बादल महल

कुंभलगढ़ के इस महल में एक से बढ़कर एक भित्ति चित्र बने हैं. इसके दो हिस्से हैं मर्दाना महल और जनाना महल. सूर्यास्त के बाद यहां साउंड और लाइट शो भी होता है, जिसके ज़रिये आप इस महल का इतिहास जान सकते हैं.  

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जयपुर से कुंभलगढ़ क़िले की दूरी क़रीब 350 किलोमीटर है. यहां आप बस और ट्रेन दोनों से जा सकते हैं. नज़दीकी एयरपोर्ट उदयपुर है जो क़िले से 90 किलोमीटर दूर है. ये क़िला सोमवार से शनिवार सुबह 9 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक खुला रहता है. 

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