कभी-कभी कुछ कहानियां और क़िस्से असभंव से लगते हैं. ऐसी ही एक कहानी चेन्नई के सी. सेकर की भी है. ये वही सी. सेकर हैं जिन्होंने 2011 में केले, जूट, बांस, अनानास और अन्य सहित 25 प्राकृतिक फ़ाइबर के इस्तेमाल से साड़ी बनाई थी. इस अनोखे कारनामे के लिये लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में उनका नाम भी दर्ज कराया गया था. यही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी को जब सी. सेकर के बारे में पता चला, तो वो भी ख़ुद को उनकी तारीफ़ करने से नहीं रोक पाये.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60631108c8d1112063aa863a_b4ecb339-3cc8-40c5-8b34-082efe33cb84.jpg)
कौन हैं सी. सेकर?
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60631108c8d1112063aa863a_06716a06-f053-4fac-b141-6ee4e53e26f3.jpg)
आपको बता दें कि सी. सेकर एक पारंपरिक बुनकर हैं. उनका परिवार 1970 से नाइजीरिया में यहां के बने उत्पाद निर्यात करता आ रहा है. कहते हैं कि मुख्य रूप से वो लोग मद्रास के चेक के कपड़े का उत्पाद करते थे. पर फिर राजनीति की वजह से आयात पर प्रतिबंध लगा और इस तरह अनाकपुथुर बुनकरों को नुकसान होने लगा. इसके बाद सी. सेकर ने अपने व्यापार को एक नया मोड़ देते हुए साड़ियों को केले के फ़ाइबर से बनाने की कोशिश की.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60631108c8d1112063aa863a_7df63fa4-753d-4ba7-a2b2-668d2980697b.jpg)
रिपोर्ट के मुताबिक, सेकर के अनाकपुथुर बुनकर क्लस्टर में लगभग 100 लोग काम करते हैं, जिनमें से अधिकतर महिलाएं हैं. साड़ी बनाने की शुरूआत उन्होंने केले के रेशे से बने धागों से की थी. इस बारे में बात करते हुए सेकर कहते हैं कि असल में उनके लिये बहुत बड़ी चुनौती थी. उनके पास कोई मॉडल नहीं था, फिर भी उन्होंने उस पर काम किया.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60631108c8d1112063aa863a_a544fec7-8eef-439b-8a51-e431018f47de.jpg)
आगे वो कहते हैं कि केले के तनों से निकले, केले के रेशों से धागा बनाने का काम किया. वो कहते हैं कि बीते कुछ सालों में उन्होंने केले की फ़ाइबर यानि यॉर्न से बनी बहुत सी साड़ियां बेची हैं. सी. सेकर कहते हैं कि दो बुनकर मिल कर दो दिन में एक साड़ी बना कर तैयार कर पाते हैं. वहीं अगर एक बुनकर साड़ी बना रहा है, तो इसे काम के लिये लगभग 4-5 दिन का समय लगता है. प्राकृतिक फ़ाइबर से बनने वाली साड़ियों की क़ीमत लगभग 1800 से शुरू हो कर 10 हज़ार रुपये तक होती है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/03/60631108c8d1112063aa863a_ae98ca89-212d-45ea-95bc-19649465ff93.jpg)
वो कहते हैं मार्केट में साड़ियों की मांग ज़्यादा है, पर कोविड-19 की वजह से व्यापार पर काफ़ी असर पड़ा है. सी. सेकर कहते हैं कि वो अपने व्यापार को दुनियाभर में और फैलाना चाहते हैं. इसके साथ ही वो देश के हर शहर में अपना आउटलेट खोलना चाहते हैं. अगर आप चाहते हैं कि सी. सेकर की मेहनत सफ़ल हो, तो प्लीज़ जाइये और उनकी साड़ी ख़रीद कर उनका सपना पूरा करने में मदद कीजिये.