उम्र सिर्फ़ एक नंबर है! ये कहावत मलेशिया के रहने वाले 72 वर्षीय ए. अरोक्यासामी (A. Arokiasamy) पर फ़िट बैठती है. रिटायरमेंट के बाद जिस उम्र में लोग घर पर आराम करना पसंद करते हैं, अरोक्यासामी उस उम्र में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के साथ-साथ जिम में ख़ूब पसीना भी बहाते हैं. इस उम्र मरण इसकी ज़बरदस्त बॉडी को देख लोग हैरान रह जाते हैं.
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कौन हैं ए. अरोक्यासामी?
72 साल के ए. अरोक्यासामी (A. Arokiasamy) आज बुज़ुर्गों के साथ-साथ नौजवानों के लिए भी एक मिसाल बन गए हैं. पेशेवर बॉडी बिल्डर रह चुके अरोक्यासामी आज भी एक चैम्पियन की तरह रोजाना कसरत करते हैं. वर्तमान में वो एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. वो 7 बच्चों के पिता और 5 बच्चों के दादा हैं.
बचपन बेहद कठिनाईयों में गुज़रा
अरोक्यासामी का बचपन बड़ी कठिनाईयों में गुजरा था. जब वो मात्र 11 साल के थे तब उन्हें अपने परिवार का हाथ बंटाने के लिए पढ़ाई छोड़नी पड़ी. खेल के प्रति रुचि होने के कारण उन्होंने हॉकी, बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे कई खेलों में किस्मत आज़माई, लेकिन कहीं बात नहीं बनी.
इसके बाद अरोक्यासामी ने लकड़ी काटने का काम शुरू किया. लकड़ी काटते के दौरान एहसास हुआ कि उन्हें बॉडी बिल्डिंग में जाना चाहिए. बस फिर क्या था काम के साथ साथ उन्होंने अपने घर के क़रीब के एक जिम में जाकर ख़ुद को बॉडी बिल्डिंग के लिए निखारने काम शुरू किया. कुछ ही समय बाद उनका इलाक़े में नाम होने लगा. इसके बाद उन्होंने स्थानीय ‘बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताओं’ में भाग लेना शुरू किया.
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कैसे हुई बॉडी बिल्डिंग की शुरुआत?
अरोक्यासामी स्कूल छोड़ने के बाद बॉडी बिल्डिंग की दुनिया में क़दम रखा. साल 1968 में उन्हें पहली सफ़लता मिली थी. इस दौरान उन्होंने अपने गांव की एक ‘बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता’ में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद उन्होंने देश विदेश के साथ ही ‘मिस्टर यूनिवर्स’ के कई एडिशन्स में मलेशिया का प्रतिनिधित्व किया. सन 1981 में फिलीपींस के दक्षिण-पूर्व एशियाई खेलों में उन्होंने ‘गोल्ड मेडल’ जीता था.
ए. अरोक्यासामी का कहना है कि, ‘फिट रहने के लिए कसरत के साथ-साथ अच्छी डाइट भी बेहद ज़रूरी है. मैं काफी सादा जीवन जीता हूं. नपा-तुला खाने की कोशिश करता हूं. मैं अपनी सब्ज़ियां ख़ुद उगाता हूं. इसके साथ ही मीठे और जंक फूड के अलावा ड्रग्स और स्टेरॉयड से भी काफी दूरी बनाकर रखता हूं. वेटलिफ्टिंग और कसरत बढ़ती उम्र को धीमा करने के साथ आपको स्वस्थ रखने में भी मददगार रहता है’.
अरोक्यासामी हॉलीवुड फ़िल्म स्टार और पूर्व मिस्टर यूनिवर्स आर्नोल्ड श्वार्जनेगर को अपना हीरो मानते हैं. लेकिन आज भी उन्हें अपने हीरो से न मिल पाने का मलाल है. मलेशिया के सबसे बेहतरीन एथलीट बनने के बावजूद उन्हें एक स्कूल में माली की नौकरी करनी पड़ी. हालात आज भी नहीं बदले हैं. इस चैंपियन को आज भी अपना खर्चा चलाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी पड़ रही है.