एक नई शुरुआत की उम्र क्या होती है? 16, 20, 25 या 30… फिर क्या, नसीब के भरोसे आगे की कहानी? ज़्यादातर लोग इसी मानसिकता के साथ ही ज़िंदगी गुज़ारते हैं. मगर क्या वाक़ई ज़िंदगी में नई शुरुआत करने के लिए उम्र की कोई लकीर खिंची होती है? इस सवाल का दिनेश मोहन (Model Dinesh Mohan) से ज़्यादा बेहतर जवाब शायद ही कोई दे पाए.
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दिनेश मोहन, एक ऐसा शख़्स जो 44 साल की उम्र में बिना सहारे चल भी नहीं पा रहा था. जिसका वज़न 130 किलो हो चुका था. ज़िंदगी डिप्रेशन में गुज़र रही थी. मगर वही शख़्स आज 60 साल की उम्र में एक फ़ैशन मॉडल और एक्टर के तौर पर देशभर में फ़ेमस हो चुका है. इस मुक़ाम तक वो कैसे पहुंचे, आज हम आपको इसकी पूरी कहानी बताएंगे.
सरकारी अफ़सर थे दिनेश मोहन
दिनेश रोहतक में पैदा हुए थे. वो कभी चंडीगढ़ में सरकारी अफ़सर के तौर पर काम करते थे. फ़ैशन इंडस्ट्री या एक्टिंग से उनका कभी कोई लेना-देना नहीं था. ज़िंदगी में सब कुछ ठीक-ठाक ही चल रहा था. मगर उन्हें इस बात का इल्म नहीं था कि उनकी ज़िंदगी का सबसे बुरा दौर आने वाला है.
Humans of Bombay को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, ’44 साल की उम्र में मैं अपने जीवन के सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा था. मुझे एक व्यक्तिगत नुक़सान हुआ, जिसके बाद मैं एक साल के लिए बिस्तर पर पड़ा रहा.’
दिनेश ने बताया कि ये वो दौर था, जब डिप्रेशन ने उन्हें घेर रखा था. उन्हें सुसाइड करने का मन करता था. ऐसे वक़्त में उनकी बहन और जीजा ने सहायता करनी चाही. उन्हें डॉक्टर को दिखाया, मगर कोई नतीजा नहीं निकला. दिनेश ख़ुद अपनी मदद करना नहीं चाह रहे थे.
बिस्तर पर पड़े-पड़े पहुंच रहे थे मौत के नज़दीक
दिनेश इस वक़्त बिस्तर पर लेटे रहते थे. बहन और उनके पति काम पर चले जाते थे, तो वो दिनभर फ़्रिज से खाना खाते रहते थे. घर से भी उनका बाहर निकलना नहीं होता था. वज़न बढ़कर 130 किलो हो गया था. उन्हें उठने -बैठने के लिए भी नर्स की ज़रूरत पड़ती थी.
दिनेश की ऐसी हालत देख कर उनके परिवार ने एक दिन अपना आपा खो दिया. उन्होंंने कहा, ‘आप एक उद्देश्य खोजने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं. क्या आपको नहीं दिख रहा कि आप बिस्तर पर ही मर रहे हो?’
जब ख़ुद अपनी ज़िंदगी बदलने की ठानी
दिनेश पिछले 8 साल से इसी तरह ज़िंदगी गुज़ार रहे थे. मगर अपने परिवार की बात सुनकर वो हिल गए. मानो किसी ने उनकी आत्मा को झकझोर दिया हो. उन्होंने सोच लिया को वो हमेशा ऐसे नहीं रह सकते. उन्हें अब ख़ुद को बदलना ही होगा.
दिनेश ने बताया, ‘मैं एक डायटीशियन के पास गया और वर्कआउट करने लगा. मैंने हमेशा मोटिवेट रहने का फ़ैसला किया और ट्रेनिंग करता रहा. मैं अपने पेट को देखता था कि क्या एब्स आ रहे हैं. धीरे-धीरे मेरा वज़न कम होता गया. मैंने क़रीब 50 किलो वज़न घटा लिया था.’
50 की उम्र के बाद ज़िंदगी में की नई शुरुआत
दिनेश अपनी सरकारी नौकरी से पहले ही रिटायमेंट ले चुके थे. अब वो अपने मुश्किल दौर से भी क़रीब-क़रीब बाहर निकल आए थे. मगर ये सब चीज़ें शायद उन्हें कोई नई ज़िंदगी देने के लिए घटी थीं.
एक दिन वो रास्ते में अपने पड़ोसी से टकरा गए. वो एक फ़ैशन मैगज़ीन के लिए काम करता था. पहले तो वो पहचान नहीं पाए, फिर हैरान रह गया. उन्होंने मेरी ‘ट्रांसफ़ॉर्मेशन पिक्चर्स’ को पोस्ट कर दिया. इन तस्वीरों ने उन्हें फ़ेमस कर दिया. वो कहते है कि ‘तस्वीरें सामने आने के बाद, मेरा फ़ोन मॉडलिंग एजेंसियों के कॉल से गुलज़ार रहता था.’
इसके बाद दिनेश मोहन मॉडलिंग को अपना करियर बनाने के लिए ऑडीशन देने लगे. वो कई युवाओं के साथ ऑडीशन देने जाते थे. एक दिन फ़ोटोशूट के दौरान उनसे फ़ोटोग्राफ़र ने कहा कि आप यहीं के लिए ही बने हैं. ये बात सुनकर उनका हौसला बढ़ गया और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
सोशल मीडिया पर स्टार बन चुके हैं दिनेश
दिनेश मोहन 100 से ज़्यादा शोज़ और इवेंट्स में पार्टीसिपेट कर चुके हैं. जो इंसान कभी चल भी नहीं पाता था, आज वो रैम्प वॉक करता है. 60 साल की उम्र पार करने के बाद भी उनकी पर्सनैलिटी को देख कर लोग हैरान रह जाते हैं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल होती हैं. इंस्टा पर ही उनके क़रीब 3 लाख फ़ॉलोवर्स हैं.
दिनेश बताते हैं कि कहने वाले लोग कहते हैं कि ‘इस उम्र में जवानी चढ़ गई है.’ मगर अब इन बातों को सुनता ही नही हूंं. हमेशा ख़ुश रहना और पॉज़िटिव सोचना ही दिनेश की लाइफ़स्टाइल का हिस्सा हो गया है. उन्हें उम्मीद है कि उनकी स्टोरी दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनेगी.