स्कूल के दिन शायद हमारे जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से थे. दोस्तों के साथ स्कूल से आने-जाने की यादें हमारे दिलों के बहुत क़रीब है. हम आमतौर पर पैदल, साइकिल से या बस से स्कूल आते-जाते थे. लेकिन क्या आपने कभी नदियों को पार करके या ख़तरनाक पहाड़ों से होते हुए स्कूल जाने की कल्पना की है?
कुछ एशियाई गांवों में बच्चे हर दिन ऐसे ही ख़तरनाक रास्तों के ज़रिये स्कूल जाने के लिए बाध्य हैं. लेकिन पढाई के प्रति उनका समर्पण अटूट है. आइये जानते हैं एशिया के कुछ ऐसे ही स्कूलों के बारे में जहां तक पहुंचने के लिए लोगों को हर दिन ख़तरा मोल लेना पड़ता है:
1. धादिंग जिले (नेपाल) में कुछ स्कूल
इस जिले में कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां तक पहुंचने के लिए बच्चों को हाथ से चलने वाली केबल कार का सहारा लेना पड़ता है. त्रिशुली नदी को पार करने के लिए बच्चे केबल में लगे एक बॉक्स में बैठते हैं और फिर हाथ से उसे खींचते हैं. नदी पार करने के बाद वो अगले 45 मिनट तक जंगली रास्तों से ट्रेक करते हुए स्कूल पहुंचते हैं.
स्थानीय लोग भी किराने का सामान ख़रीदने, रिश्तेदारों से मिलने और अन्य कामों के लिए इसी तरह नदी पार करते हैं. 2011 में केबल टूटने की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई थी. नेपाल सरकार ने इन केबलों की जग़ह पुल बनाने की योजना बनाई है.
2. Atule’er गांव का स्कूल, चीन
पहाड़ की चोटी पर बसे इस गांव के बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए लगभग 90 मिनट तक पहाड़ पर ख़तरनाक सीढ़ियां चढ़ना पड़ता है. चढ़ाई के ज़ोखिम को ध्यान में रखते हुए स्कूल को आवासीय स्कूल में बदल दिया गया था, जहां से बच्चों को महीने में केवल दो बार घर जाने की अनुमति मिलती थी. रिपोर्टों के अनुसार सरकार ने अब इस सुदूर गांव को कहीं और बसा दिया है.

3. Gulu एलीमेंट्री स्कूल, चीन
चीन में बच्चों को Gulu एलीमेंट्री स्कूल तक पहुंचने के लिए हर दिन पांच घंटे तक एक बेहद ख़तरनाक पहाड़ पर चढ़ना पड़ता था. ‘School in the clouds’ के नाम से जाने जाना वाला ये स्कूल एक पहाड़ के ऊपर स्थित था. यहां तक पहुंचने का रास्ता बहुत संकीर्ण और ख़तरनाक था. हालांकि 60 साल तक चलने के बाद ये स्कूल अब बंद हो गया है.

4. इंडोनेशिया के Sanghiang Tanjung गांव का स्कूल
इस स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चे हर दिन Ciberang नदी के ऊपर से टूटे हुए सस्पेंशन ब्रिज को पार करते हैं. बच्चे नदी के दूसरी तरफ पहुंचने के लिए एक ढह चुके पुल के साइड स्टील बार को पकड़ते हुए चलते हैं. बच्चे अगर वैकल्पिक पुल के रास्ते स्कूल जाते हैं तो उन्हें 30 मिनट के और पैदल चलना पड़ता है. इससे बचने के लिए वो ये रास्ता अपनाते हैं.


5. इंडोनेशिया में Suro and Plempungan गांव के पास वाला स्कूल
यहां के बच्चे स्कूल पहुंचने के लिए एक संकीर्ण Aqueduct पर साइकिल चलाते हैं या उसपर पैदल चलते हैं. Aqueduct के नीचे एक गहरी धारा बहती है. उनकी ये यात्रा मौत को चकमा देने से कम नहीं होती है. बच्चे अपनी 6 किलोमीटर लंबी यात्रा में कटौती करने के लिए ये वैकल्पिक रास्ता अपनाते हैं.

