देवभूमि यानि देवो की भूमि उत्तराखंड में आपको ऊंचे-ऊंचे पहाड़, हरियाली और मंदिर देखने को मिलेंगे. इन्हें देखने के लिए दूर-दूर से हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं. मगर क्या आप लोग ये जानते हो कि मंदिरो, पहाड़ों और हरियाली से सजा उत्तराखंड अपना एक डरावना इतिहास में बयां करता है. यहां पर कई ऐसी रहस्यमयी घटनाएं होती रहती हैं, जिन्हें सुनकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं. यहां पर कई डरावनी जगहें हैं, उन्हीं में से एक है, चंपावत ज़िले के लोहाघाट में स्थित मुक्ति कोठरी.

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इस कोठरी के पीछे की कहानी को जानकर होश उड़ जाएंगे, दरअसल, 

आज मुक्ति कोठरी के नाम से जानी जाने वाली ये जगह कभी एक ख़ूबसूरत बंगला हुआ करती थी, जिसमें एक ब्रिटिश फ़ैमिली रहती थी. बाद में उस फ़ैमिली ने इस बंगले को अस्पताल बनाने के लिए दान कर दिया. इस अस्पताल में दूर-दूर से लोग अपना इलाज कराने आते थे, लेकिन एक दिन एक नए डॉक्टर के आने की वजह से यहां पर सब बदल गया. क्योंकि वो डॉक्टर मरीज़ों को देखने के बाद ही उनकी मृत्यु का दिन और तारीख़ दोनों बता देता था.
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लोगों का कहना था कि, मरीज़ की मृत्यु उसी दिन और उसी समय होती थी जो डॉक्टर ने भविष्यवाणी की थी. मगर लोग जहां मरते थे, वो एक गुप्त कमरा था, जिसे मुक्ति कोठरी कहा जाता था.  स्थानीय लोगों की मानें तो, अपनी भविष्यवाणी को ग़लत न साबित होने देने के लिए डॉक्टर मरीज़ों को मुक्ति कोठरी में ले जाकर ख़ुद मार देता था.

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ऐसा कहा जाता है कि, जिन मरीज़ों को डॉक्टर ने अपनी भविष्यवाणी सही साबित करने के लिए मारा था, उनकी आत्माएं ‘मुक्ति कोठरी’ में भटकती हैं. यही वजह है कि इस बंगले के पास कोई भी जाने से कांपता है. स्थानीय लोगों के अनुसार, अक्सर यहां पर कोई न कोई रहस्यमय घटना घटती रहती है.

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इसके अलावा, अगर यहां रहने वाले लोगों की मानें तो इस जगह से अक़्सर अजीब-अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं. इन आवाज़ों के डर से और रहस्यमयी घटनाएं घटने के चलते कोई भी इस मुक्ति कोठरी की दायरे में नहीं आता है.