दुनियाभर के देशों में अलग-अलग रीति-रिवाज़ों का प्रचलन है. उनमें से शादी एक ऐसा रिवाज़ है, जो सभी देशों और धर्मों में माना जाता है. हालांकि, कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां इस रिवाज़ में एक ऐसा ट्विस्ट है कि आप सुनकर चौंक जाएंगे. ये रिवाज़ है पत्नियां चुराने का.
जी हां, आपने सही सुना. पश्चिम अफ़्रीकी देश नाइजर की वोडाबे जनजाति (Wodaabe tribe) में ये प्रथा प्रचलित है. दरअसल, ये जनजाति सालाना एक त्योहार मनाती है. यूं तो इस त्योहार का नाम गेरेवोल (Gerewol) है, लेकिन ये पत्नियां चुराने का त्योहार (Wife Stealing Festival) के नाम से लोगों के बीच मशहूर है.
बता दें, वोडाबे जनजाति का समाज यूं तो पितृसत्तामक है, लेकिन सेक्स के मामले में सारी पावर महिलाओं के हाथ में है. ऐसे में महिलाएं एक से ज़्यादा पुरुषों के साथ संबंध बना सकती हैं या फिर उन्हें अपना पति भी चुन सकती हैं. यही वजह है कि इस त्योहार के दौरान सारी महिलाएं इकट्ठा होती हैं, जिनको रिझाने के लिए पुरुष जमकर सजते-संवरते हैं.
यहां के पुरुष ख़ुद को इतना ज़्यादा सुंदर समझते हैं कि वो हमेशा अपने साथ एक शीशा रखकर चलते हैं. त्योहार के दौरान वो अपनी ख़ूबसूरती में चार-चांद लगाने का की मौका नहीं छोड़ते. क्योंकि यहां पुरुषों के बीच एक खूबसूरती का कॉम्पिटिशन होता है. इन सभी पुरुषों को महिलाएं ख़ुद जज करती हैं. पुरुष अपने लुक्स और डांस से दूसरे की पत्नियों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं.
इस दौरान कोई महिला किसी पुरुष से प्रभावित हो जाती है, तो वो आदमी उसे वहां से चुरा ले जाता है. अग़र वो ऐसा करने में कामयाब होता है तो अपने आप ही वो महिला उस शख़्स की पत्नी हो जाती है.
अब आप सोच रहें होंगे कि इस दौरान महिला का असली पति क्या कर रहा होता है? तो भइया, वो भी तो वहां किसी दूसरे की पत्नी को चुराने पहुंचा होगा. बाकी जो पति इस प्रथा को पसंद नहीं करते हैं, वो अपनी पत्नियों को इस त्योहार में आने ही नहीं देते.